आज आषाढ़ी एकादशी है। इस खास दिन पर भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने आषाढ़ी एकादशी की रिकॉर्डिंग अपनी आवाज में की। लता मंगेशकर ने ये रिकॉर्डिंग किस तरह की और किस तरह वो इस रिकॉर्डिंग को करने के लिए तैयार हुईं। ये सब आप इस बातचीत के जरिए समझिए...
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मैं प्रभु कुंज में लता दीदी से मिलने गया। ये बात 23 जून की है। लता दीदी से बात करते हुए हृदयनाथ जी के साथ मेरे बातचीत होने लगी। बातचीत चली और पंडितजी ने आषाढ़ी वारि के बारे में बात करना शुरू किया। उन्होंने दीदी को बताया कि इस साल वारकरी आषाढ़ी वार के लिए नहीं जा पाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए, उन्होंने दीदी से कहा कि, हमें वारकरी भक्तों के लिए कुछ करना चाहिए।
सबसे अच्छा तोहफा होगा 'मोगरा फुलला'। तब उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम यहां पर आए हुए हो तो इनकी आवाज में इसे रिकॉर्ड क्यों नहीं किया। मैं अभिभूत था और उसने और कुछ नहीं मांगा। हमारे इतिहास इस बात का उल्लेख किया गया है कि भगवान श्री कृष्ण ने 90 साल की उम्र में भगवद् गीता सुनाई थी। हालांकि इसे लेकर कई बार बहस भी हुई हैं, लेकिन मैं इतिहास में उल्लेखित इस बात पर यकीन करता हूं।
90 साल की उम्र में लता दीदी से 'मोगरा फुलला' सुनना अपने आप में बड़ी बात है। मैंने उनकी आवाज की रिकॉर्डिंग करनी शुरू कर दी। लता दीदी ने जैसे ही रिकॉर्डिंग शुरू की, ऐसा लगा कि कोई पवित्र आवाज कानों में रस घोल रही हो। लता जी की मधुर आवाज को सुनकर ऐसा लगा कि धीरे-धीरे मोगरा के फूल खिल रहे हों और अपनी महक चारों तरफ फैला रहे हों।