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Om Puri Special: बचपन में ट्रेन में सोते थे, जिंदगी ने ऐसे लिया मोड़

ओम पुरी (Om Puri) 6 जनवरी 2017 को इस दुनिया को अलविदा कह गए थे।

Written by: India TV Entertainment Desk
Published on: January 06, 2019 18:05 IST
 Om Puri death anniversary- India TV Hindi
Om Puri death anniversary

ओम पुरी (Om Puri) का जन्म 18 अक्टूबर 1950 में हरियाणा के अंबाला शहर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला से पूरी की। 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ बरसों तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी। बाद में ओमपुरी ने अपने निजी थिएटर ग्रुप "मजमा" की स्थापना की। उन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड में ऊंचा मुकाम हासिल किया, बल्कि हॉलीवुड में भी उन्होंने अपनी एक खास पहचान बनाई। दुनियाभर में लोग उनके शानदार अभिनय के कायल हैं। 6 जनवरी 2017 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

1. ओम पुरी का जन्म अंबाला के एक खत्री परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री पुणे के ‘फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ से ली।

2. ओम पुरी के बचपन की बात करें तो उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी कष्टों का सामना किया है। जब वे छोटे थे तब उनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। उन्हें अपना पेट भरने के लिए कोयला बीनना पड़ता था। यहां तक की उन्होंने एक ढाबे तक में किया है।

3. पूरी दुनिया में एक बड़ा नाम हासिल करने वाले ओम पुरी बचपन में जिस घर में रहते थे उसके पीछे एक रेलवे यार्ड हुआ करता था। वह अक्सर रात के समय अपने घर से भागकर ट्रेन में सोने के लिए चले जाते थे। दरअसल तब उन्हें ट्रेन काफी पसंद हुआ करती थी और वह सोचते थे कि बड़े होकर वह एक ट्रेन के ड्राइवर बनेंगे।

4. ओम पुरी की किस्मत में किसी ट्रेन का ड्राइवर बनना था ही नहीं। इसलिए उनकी जिंदगी में एक मोड़ आया। वह कुछ समय के बाद अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला चले गए। वहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खत्म की, लेकिन इसी दौरान उनका रुझान अभिनय की ओर बढ़ने लगा और उन्होंने नाटकों में हिस्सा लेना शुरु कर दिया।

5. ओम पुरी को 1973 में दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के एल्युमनी की लिस्ट में जगह मिली। यहां उनकी मुलाकात दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह से हुई, तब वह उनके सहपाठी थे। इसके बाद 1976 में ओम पुरी ने मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से अभिनय जगत में कदम रखा।

6. ओम पुरी को फिल्म 'अर्धसत्य' से एक खास पहचान हासिल हुई। उन्हें अपनी फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर के नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया था। उन्हें यह सम्मान फिल्म 'आरोहण' के लिए भी दिया गया था।

7. फिल्म 'बाबुल' में अपने किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारने के लिए ओम पुरी को काफी प्रशंसा हासिल हुई थी, लेकिन बता दें कि पहले यह किरदार अमरीश पुरी करने वाले थे।

8. ओम पुरी के अभिनय का जादू सिर्फ बड़े पर्दे तक ही नहीं रहा, बल्कि उन्होंने छोटे पर्दे पर बी खुद को साबित कर दिखाया। उन्होंने 1988 में दूरदर्शन के धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ में कई तरह के किरदारों को निभाया, जिसके लिए उनकी काफी सराहना भी हुई।

9. साल 1990 में ओम पुरी को भारत सरकार ने 'पद्म श्री' से सम्मानित किया था।

10. उन्होंने 4 दशक लंबा वक्त सिनेमा जगत में बिताया है। इस दौरान वह 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ हिन्दी बल्कि अंग्रेजी, मराठी और की अन्या भाषाओं में भी खुद का साबित किया है।

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