नई दिल्ली: अपने पूर्व संस्थान में लौटकर नवाजुद्दीन सिद्दिकी को महसूस होता है कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) ने उन्हें वह सबकुछ दिया जो बॉलीवुड के लोगों के पास नहीं है। भारत रंग महोत्सव के दौरान एनएसडी में सिद्दिकी ने कहा, ‘मुझे संघर्ष करते रहने का विश्वास इस बात से आया कि एनएसडी हमें वह देता है जो बॉलीवुड के लोगों के पास नहीं है।’
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उन्होंने कहा, ‘जब मैंने एनएसडी छोड़ा तो मुझे पूरा विश्वास था कि मैं दुनिया को दिखाउंगा लेकिन फिर मुझे महसूस हुआ कि यह आसान नहीं है। बहरहाल कई बार विफल होने के बावजूद खुद पर दोषारोपण करने के बजाए मैंने खुद से पूछा ये कौन लोग हैं जो मेरा ऑडिशन ले रहे हैं, क्या वे मेरा अभिनय समझने में समक्ष भी हैं?’ वर्ष 1996 में नाट्य विद्यालय छोड़ने के बाद 42 वर्षीय अभिनेता 1999 में सरफरोश फिल्म में एक दृश्य में दिखे थे। अनुराग कश्यप के गैंग्स ऑफ वासेपुर में बड़ी भूमिका मिलने से पहले 10 साल तक उन्हें इसी तरह की भूमिका मिलती रही।
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अभिनेता ने कहा कि कश्यप की फिल्म से उन्हें थियेटर से जुड़े रहने का मौका मिला। सिद्दिकी ने कहा, ‘अनुराग कश्यप के काम करने का तरीका एनएसडी की तरह है। यह मुख्यत: सुधार पर आधारित है। वह आपको स्थिति देते हैं और कई बार हमारे पास डायलॉग भी नहीं होता। एक अभिनेता के तौर पर अनुराग कश्यप की फिल्म में काम कर मैंने जो सीखा उसे बेहतर करने का प्रयास करता रहूंगा।’