मशहूर लेखक चेतन भगत का कहना है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद आजकल मीडिया में जिस तरह से बॉलीवुड को पेश किया जा रहा है कि वह निराशाजनक है। बेशक इंडस्ट्री में कई सारे दिक्कतें हैं, लेकिन इसके चलते हर किसी को बुरा दिखाना, हर किसी के बारे में यह कहना कि वह ड्रग एडिक्ट है, यह बकवास है।
चेतन खुद एक आउटसाइडर हैं जिनकी किताबों पर '3 इडियट्स', 'हैलो', 'काइ पो छे', '2 स्टेट्स' और 'हाफ गर्लफ्रेंड' जैसी बॉलीवुड की फिल्में बन चुकी हैं।
लेखक का कहना है, "यह सोच ही गलत है कि फिल्म इंडस्ट्री का कंट्रोल रूम एक ऐसी जगह है जहां हर कोई बैठकर नशीले पदार्थो का सेवन कर रहा है, दूसरों की बुराई कर रहा है, किसी के खिलाफ साजिश रची जा रही है। हां, यहां आगे बढ़ने की होड़ काफी ज्यादा है क्योंकि यहां बन रही फिल्मों की अपेक्षा लोग कहीं ज्यादा हैं और हर किसी को फिल्म का हिस्सा बनना है जिसके चलते तनाव का होना लाजिमी है। निश्चित तौर पर यह जगह परफेक्ट नहीं है, लेकिन यहां सभी बुरे भी नहीं हैं।"
सुशांत के मौत को लेकर मीडिया में जो कुछ भी हो रहा है, उसकी आलोचना करते हुए हाल ही में प्रकाशित हुई किताब 'वन अरेंज्ड मर्डर' (वेस्टलैंड पब्लिकेशन) के लेखक ने आईएएनएस को बताया, "सुशांत की मौत से सबको बेहद हैरानी हुई है और कंफ्यूजन का होना भी स्वाभाविक है, लेकिन यह बात अभी भी मेरी समझ से परे है कि मुंबई पुलिस ने ऐसा भी क्या गलत कर डाला कि मीडिया में उनकी छानबीन को लेकर इतनी आलोचनाएं हो रही हैं?"
चेतन ने आगे कहा, "अब जब सीबीआई ने इसकी जांच की जिम्मेदारी ले ली है, फिर भी हर रात प्राइम टाइम में हर कोई मामले को सुलझाने की कोशिश में जुटा रहता है। क्या आप सभी उन 15 जांच कर्मियों से ज्यादा समझदार हैं? बिना किसी सबूत के साजिश की अजीबोगरीब कहानियां बुनना, हर रात उसी पर बातें करना..ऐसी कहानियों के साथ किसी पब्लिशर के पास जाना ही बेहतर है। कम से कम इनसे तो मैं ही ईमानदार हूं - मैं कहता हूं कि हां, मैं कहानियां लिखता हूं और वे काल्पनिक होते हैं।"
एक ऐसे वक्त में जब अर्थव्यवस्थ की हालत बिगड़ी हुई है, चीन के साथ सीमा विवाद अपने चरम पर है, टेलीविजन चैनल सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं। चेतन ने कहा, "हमें बस साजिश की बेबुनियाद कहानियों पर नजर बनाए रखना है और शेरलॉक होम्स बन जाना है।"
(इनपुट-आईएएनएस)