नयी दिल्ली: अमित मसूरकर की पॉलिटिकल सटायर फिल्म 'न्यूटन' इसी शुक्रवार को रिलीज हुआ है। गर्व करने वाली बात यह है कि रिलीज वाले दिन ही फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया है। फिल्म के निर्देशक अमित मसूरकर ने इस उपलब्धि के लिए अपनी टीम की प्रशंसा की है। मसूरकर ने कहा कि मुख्य किरदारों के अलावा, वह सहयोगी स्टाफ के आभारी हैं जिन्होंने छत्तीसगढ के जंगलों में दृश्य फिल्माने के लिए निरंतर मेहनत की। छत्तीसगढ में इस फिल्म की 37 दिन शूटिंग हुई है।
मसूरकर ने कहा, हम बहुत खुश हैं कि यह ऐसे समय चुनी गई जब यह सिनेमाघरों में है। हमें आशा है कि इससे भारत में और लोग सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखेंगे। कोई भी जो अपने लोगों, अपने देश से प्यार करता है, न्यूटन से जुड़ सकता है। उन्होंने कहा, फिल्म मानवाधिकार उल्लंघन और लोकतंत्र को मजबूत करने की जरूरत पर आधारित है और इसे बहुत हल्के फुल्के अंदाज में बताया गया है। यह सामूहिक प्रयास है। निर्माताओं आनंद एल राय, सिनेमैट्रोग्राफर स्वप्निल सोनावाने, संपादक वेंकट तथा कई और लोगों ने पर्दे के पीछे से बहुत मेहनत की है।
फिल्म निर्देशक ने कहा कि वह पहले न्यूटन के निर्देशन को लेकर दुविधा में थे। उन्होंने कहा, यह मेरे लिए बड़ी चुनौती थी। मैं इस पर काम करने से डर रहा था। मैं डरा हुआ था, अपनी जिंदगी के लिए नहीं बल्कि मुझे डर था कि मैं इसे उपहास लायक बना दूंगा। उन्होंने कहा, इसलिए, मैं इसे लेकर चिंतित था। लेकिन इसके बाद मुझे अच्छी टीम मिली और फिल्म में अच्छे कलाकार और अच्छे निर्माता थे। अच्छा यह रहा कि चीजें अच्छे से हुईं।
राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, अंजलि पाटिल और संजय मिश्रा जैसे सितारों से सजी फिल्म न्यूटन 22 सितंबर को रिलीज हुई है। यह फिल्म न्यूटन नाम के एक ऐसे सरकारी कर्मचारी की है जिसकी इलेक्शन वाले दिन नक्सली इलाके में ड्यूटी लग जाती है। न्यूटन किस तरह वहां वोटिंग कराता है यही इस फिल्म में दिखाया गया है।
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(इनपुट- आईएनएस)