Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मनोरंजन
  3. बॉलीवुड
  4. अलविदा हैंडसम कपूर: खिलते हैं गुल यहां खिल के बिखरने को...

अलविदा हैंडसम कपूर: खिलते हैं गुल यहां खिल के बिखरने को...

जब भी हिंदी सिनेमा के सुंदर और रोमांटिक हिरो का जिक्र होगा शशि कपूर जरूर याद आएंगे...

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 05, 2017 23:32 IST
shashi kapoor
shashi kapoor

शशि कपूर खानदान के सबसे हैंडसम हीरो कहे जा सकते हैं। शशि को उनके बड़े भाई राजकपूर ने आग (1948) और आवारा (1951) में छोटी सी भूमिकाएं देकर फिल्मी सफर शुरू कराया था। आवारा में उन्होंने राज कपूर के बचपन का रोल किया था। 1950 के दशक मे पिता की सलाह पर वे गोद्फ्रे कैंडल के थियेटर ग्रुप शेक्स्पियाराना से जुड़ गए। इसके साथ उन्होंने दुनिया भर में यात्राएं कर नाटक किए। इसी दौरान गोद्फ्रे की बेटी और ब्रिटिश अभिनेत्री जेनिफर से उनको प्रेम हुआ। 20 वर्ष की उम्र में 1950 में उन्होंने विवाह कर लिया।

शशि कपूर ने गैर परम्परागत किस्म की भूमिकाओं के साथ सिनेमा के परदे पर आगाज किया था। उन्होंने सांप्रदायिक दंगों पर आधारित धर्मपुत्र (1961) में काम किया था। वे हिंदी सिनेमा के पहले ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने हाउसहोल्डर और शेक्सपियर वाला जैसी अंग्रेजी फि़ल्मों में मुख्या भूमिकाएं निभाई।

वर्ष 1965 उनकी फि़ल्म जब जब फूल खिले रिलीज हुई। इस फिल्म में उन्होंने एक कश्मीर गाईड का रोल किया था। उसे एक अमीर टूरिस्ट युवती से प्रेम हो जाता है। इस फिल्म के गीत काफी लोकप्रिय हुए हुए थे जैसे एक था बुल और एक थी बुलबुल...यह उनकी पहली सिल्वर जुबली  फिल्म थी। इसी फिल्म का रिमेक आमिर खान की राजा हिंदुस्तानी थी। इसके बाद यश चोपड़ा द्वारा बनाई गई भारत की पहली मल्टी स्टारर फि़ल्म वक्त में उन्हें काम मिला। प्यार का मौसम ने उन्हें एक चॉकलेटी हीरो के रूप में स्थापित किया। वर्ष 1972 की फि़ल्म सिद्धार्थ के साथ उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय सिनेमा के मंच पर अपनी मौजूदगी कायम रखी।

70 के दशक में शशि कपूर सबसे व्यस्त अभिनेताओं में से एक थे। उनकी चोर मचाये शोर, दीवार, कभी-कभी, दूसरा आदमी और सत्यम शिवम् सुन्दरम जैसी हिट फि़ल्में रिलीज हुई।

अमिताभ के सबसे हिट व फिट जोड़ीदार

कभी कभी से अमिताभ बच्चन के साथ शशि कपूर की जोड़ी शुरू हुई। यह काफी अच्छी और हिट फिल्म थी। शशि कपूर अपने चुलबुले रोल के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। इसके बाद दीवार में अमिताभ और शशि की जोड़ी ने फिर से कमाल कर दिया। इसमें शशि का एक डायलॉग बहुत लोकप्रिय हुआ था मेरे पास मां..। इसके बाद त्रिशूल, सुहाग, नमक हलाल, काला पत्थर, शान व सिलसिला सहित कई फिल्मों में इस जोड़ी ने अपनी बेहतरीन केमेस्ट्री दिखाई। शशि कपूर को उनकी फिल्म न्यू देहली टाइम्स, कलियुग, उत्सव और सत्यम शिवम सुंदर के लिए याद किया जाता है।

वर्ष 1971 में पिता पृथ्वीराज की मृत्यु के बाद शशि कपूर ने जेनिफर के साथ मिलकर पिता के स्वप्न को जारी रखने के लिए मुंबई में पृथ्वी थियेटर का पुनरूत्थान किया। उन्होंने अपनी फिल्म निर्माण कंपनी भी शुरू की। उसके बैनर तले भी कई यादगार फिल्में बनाई गईं जैसे 36 चौरंगी लेन, कलियुग, जुनून, विजेता, उत्सव। जुनून शशि कपूर की बेहतरीन फिल्म थी।

शशि कपूर को फिल्मों के लिए दिया जानेवाला सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी दिया गया। जब भी हिंदी सिनेमा के सुंदर और रोमांटिक हिरो का जिक्र होगा शशि जरूर याद आएंगे।

(इस ब्लॉग के लेखक नवीन शर्मा हैं)

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement