मुंबई: विराट कोहली को भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे खराब व्यवहार वाले कप्तान कहने के बाद अब नसीरुद्दीन शाह ने देश में चल रही परिस्थितियों पर अपने विचार रखें हैं। उन्होंने एक वीडियो में कहा है कि उन्हें देश में चल रहे हालातों की वजह से डर नहीं बल्कि गुस्सा आता है। उन्होने बुलंदशहर में हुई हिंसा जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और कई लोगों की जान गई थी के बारे में बोलते हुए कहा- कि मुझे लगता है कि इस देश में किसी पुलिस वाले की जिंदगी से ज्यादा गाय की जिंदगी जरुरी है।
उन्होनें कहा- लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट मिल गई है। कई इलाको में हम लोग देख रहे हैं कि गाय कि मौत को इंसान की मौत से ज्यादा महत्व दिया जाता है।
मुझे फिकर होती है अपने बच्चों के बारे में सोचकर। क्योंकि उनका मजहब नहीं है। हमने उन्हें मजहबी तालिम नही दी है। हमे भी नहीं मिली थी। मुझे तो फिर भी थोड़ी बहुत दी गई थी मगर मेरी पत्नी रतना को वो भी नहीं दी गई थी। मैंने भी अपने बच्चों को मजहबी तामिल नहीं दी है क्योंकि मेरा मानना है अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। अच्छाई-बुराई के बारे में उन्हें जरुर सीखाया।
मैंने अपने बच्चों को कुरान शरीफ की कुछ आयतें जरुर याद कराई हैं क्योंकि मेरा मानना है उससे आपका उच्चारण सुधरता है। जिस तरह से हिंदी का उच्चारण सुधरता है रामायण और गीता पढ़ने से।
उसके आगे उन्होंने कहा मुझे अपने बच्चों को लेकर चिंता होती है। कल को अगर उनको किसी भीड़ ने घेर लिया कि तुम हिंदू हो या मुसलमान हो तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा।
इस बात की फ्रिक होती है कि इस देश के हालात सुधरते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। इन बातों से मुझे डर नहीं लगता बल्कि गुस्सा आता है और मुजे लगता है हर सही सोच वाले इंसान को डर नहीं लगना चाहिए बल्कि गुस्सा आना चाहिए। हमारा घर है हमे कौन निकाल सकता है यहां से।
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