बात उस वक्त की है जब नरगिस 14 साल की थीं। नरिगस की मां जद्दनबाई फिल्म निर्माण करने लगी थीं, इसलिए फिल्मकारों का नरगिस के घर में आना जाना था। एक बार फिल्मकार महबूब ने उन्हें स्टूडियो में बुलाया, नरगिस उन्हें भाई बोलती थीं इसलिए चली गईं। महबूब ने उनसे डायलॉग बोलने को कहा तो नरगिस ने बोल दिया, वहां खड़े लोगों ने ताली बजाते हुए नरगिस को माला पहना दी और कहा बधाई हो आप फिल्म की हीरोइन हैं। जब नरगिस ने मना किया तो महबूब ने एक और दांव खेला कहा अपने भाई को पिटवाओगी क्या? अगर तुम फिल्म नहीं करोगी तो तुम्हारे भाई का लाखों का नुकसान हो जाएगा, बस फिर क्या था नरगिस ने हां कर दी, और बॉलीवुड को मिल गई एक महान अभिनेत्री।
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