फिल्म समीक्षा
‘नो एंट्री’, ‘वेलकम’ और ‘सिंह इज ब्लिंग’ जैसी कॉमेडी फिल्में बना चुके निर्देशक अनीस बज्मी एक बार फिर से कॉमेडी का डोज लेकर आए हैं। फैमिली एंटरटेनिंग फिल्म ‘मुबारकां’ में अभिनेता अनिल कपूर और अर्जुन कपूर की जुगलबंदी देखने को मिल रही है। लंबे समय से हिंदी सिनेमा में कॉमेडी के नाम पर फूहड़ और डबल मीनिंग जोक्स की भरमार देखने को मिल रही है, लेकिन अनीस बज्मी की फिल्मों में कॉमेडी का अलग क्लास होता है, मुबारकां भी कॉमेडी फिल्म होने के बावजूद फैमिली एंटरटेनर फिल्म है।
कहानी
फिल्म की कहानी करण (अर्जुन कपूर) और चरण (अर्जुन कपूर) दो जुड़वा भाईयों की है। दोनों के बचपन में ही उनके माता-पिता की एक कार एक्सीडेंट में डेथ हो जाती है। इस वजह से एक भाई की परवरिश लंदन में उसकी बुआ के घर में होती है और एक भाई की परवरिश चंडीगढ़ में उसके ताऊजी के घर में होती है। दोनों के घरवाले उनके लिए लड़कियां ढूंढ़ रहे होते हैं लेकिन दोनों की पहले से ही गर्लफ्रेंड होती हैं। दोनों को उनके सच्चे प्यार से मिलाने की कोशिश उनके चाचा करतार सिंह (अनिल कपूर) करते हैं, लेकिन वो मुसीबतें कम करने की बजाय कन्फ्यूजन बढ़ा देते हैं। इसी कन्फ्यूजन में कॉमेडी होती है।
अभिनय
अभिनय की बात करें तो अभिनेता अर्जुन कपूर इस में दोनों ही किरदारों में कमाल की एक्टिंग की है। दोनों ही किरदार एक-दूसरे से काफी अलग था, लेकिन अर्जुन ने सहजता से दोनों ही किरदार निभाए हैं।
अनिल कपूर, रत्ना पाठक और पवन मल्होत्रा जैसे कलाकारों ने हर बार की तरह इस बार भी कमाल का अभिनय किया है।
इलियाना डिक्रूज और अथिया शेट्टी अच्छी लगी हैं और अपना किरदार ठीक तरीके से निभाया है। नेहा शर्मा, करण कुंद्रा और राहुल देव जैसे सितारों भी अपने-अपने रोल में फिट हैं।
म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक अमाल मलिक, ऋषि रिच और अमर मोहिले ने दिया है। हवा-हवा, जाट जगुआर और गॉगल सॉन्ग पहले ही हिट हो चुके हैं। म्यूजिक अच्छा है और बैकग्राउंड स्कोर पर भी अच्छे से काम किया गया है।
खूबियां
- फिल्म एक्टिंग के मामले में बहुत आगे है। फिल्म में अनिल कपूर और रत्ना पाठक जैसे मंझे हुए कलाकार हैं और अर्जुन कपूर ने भी कमाल का अभिनय किया है।
- फिल्म की लोकेशन और कैमरा वर्क कमाल का है। फिल्म की शूटिंग लंदन और पंजाब में हुई है दोनों ही लोकेशन कमाल की लगी है।
- फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है।
- फिल्म के कॉमेडी सीन अच्छे हैं, बिना डबल मीनिंग जोक्स और संवाद के कॉमेडी फिल्म बनाने के लिए अनीस बज्मी तारीफ के काबिल हैं।
कमियां
- फिल्म बहुत लंबी है, एडिटिंग पर और मेहनत करने की जरूरत थी।
- क्लाइमेक्स और अच्छा हो सकता था।
- फिल्म के आखिर में आने वाला अनिल कपूर का लेक्चर बोरिंग लगता है।
देखे या नहीं
यह एक फैमिली एंटरटेनिंग फिल्म है जिसे आप अपनी पूरी फैमिली के साथ एन्जॉय कर पाएंगे। फिल्म में कॉमेडी और मसाला का तड़का है, जिसे देखकर आप बोर नहीं होंगे। लेकिन अगर आप सीरियस फिल्में पसंद करते हैं और फिल्म में लॉजिक ढूढ़ेंगे तो आप निराश होंगे।
स्टार रेटिंग
इस फिल्म को मेरी तरफ से 2.5 स्टार।