नोएडा: बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी अपनी बेहतरीन एक्टिंग की वजह से जाने जाते हैं, जो भी किरदार उन्हें मिलता है वो उसमें जीने लगते हैं। अपनी आने वाली फिल्म 'गली गुलियां' में वो एक बीमार व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं, इस किरदार को जीवंत करने के लिए उन्होंने अपना वजन काफी कम कर लिया है। उनका कहना है कि उन्होंने जो किया है, वह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, लेकिन उन्हें काम पर ऐसे खतरे लेने का जुनून है। दीपेश जैन द्वारा निर्देशित और लिखी गई फिल्म में मनोज अपने अवरुद्ध मनोविज्ञान से जूझते एक पागल व्यक्ति का किरदार निभाते नजर आएंगे।
शुक्रवार को मनोज ने वजन कम करने के सवाल पर कहा, "मुझे खाने-पीने का बहुत ध्यान रखना पड़ता था। मैं जो कर रहा था वह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं था। शरीर से प्रोटीन खत्म होना स्वास्थ्यवर्धक नहीं है। यह आपके स्वास्थ्य को हमेशा के लिए खत्म कर सकती है। काम के लिए कोई खतरा लेता है जो वह कर रहा है और उसके लिए जुनूनी है।"
उन्होंने कहा, "मैं अपना बहुत सारा वजन कम करके एक बीमार व्यक्ति जैसा दिखना चाहता था. मेरा वजन इतना कम हुआ कि प्रतिरोधी तंत्र पूरी तरह अवरुद्ध होने लगा। मैं बीमार होने लगा था.. कभी कभी बुखार और मैं ऐसा नहीं हूं जिसे आसानी से बुखार आ जाए। उस समय मुझ पर ईश्वरीय कृपा रही है। लेकिन उन दिनों मैं कई बार बीमार पड़ा।"
उन्होंने अपने बारे में बात करते हुए कहा, "मेरे घर में अकेले में बात करना आम बात हो गई थी। मेरी पत्नी आश्चर्यचकित रहती थी कि मैं क्या बुदबुदाता रहता हूं। वह मुझसे पूछती रहती थी, 'क्या तुमने कुछ कहा? क्या तुम खुद से बात कर रहे हो? ये अच्छे लक्षण नहीं हैं। कृपया अपना ध्यान रखो।"'
उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि ट्रेडमील पर दौड़ते हुए सोचना..अचानक से होश में आने पर आपको एहसास होता है कि आप मानसिक रूप से वहां अनुपस्थित होकर 4-5 मिनट से दौड़ रहे थे। ये लक्षण खतरनाक होते हैं और अभिनेता के तौर पर मानसिक तैयारी करते समय मैं इनसे गुजरा हूं।" उन्होंने कहा, "यह एक कठिन काम है। यह आपको कई तरीकों से बेकार कर सकती है।"
'गली गुलियां' की निर्माता एक्सटेंट मोशन पिक्चर्स की शुचि जैन हैं और यह फिल्म सात सितंबर को रिलीज हो रही है।