नई दिल्ली: श्रीदेवी के निधन के बाद उनको राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी। जिसपर काफी विवाद भी हुए। इस मामले में एक आरटीआई भी दायर की गई, जिसमें अब इस बात का खुलासा हुआ है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर श्रीदेवी को राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने फडणवीस के 'सामान्य प्रशासन विभाग के प्रोटोकॉल विभाग' से जानकारी मांगी थी कि श्रीदेवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से कराने का अधिकार किसके पास है? इसके जबाव में, विभाग ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को राजकीय सम्मान के साथ विदा कराने का अधिकार राज्य के मुख्यमंत्री को होता है। देवेंद्र फडणवीस के कहने के बाद ही श्रीदेवी को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई थी।
गलगली ने आरटीआई का जबाव पढ़ते हुए कहा, श्रीदेवी के नाम से मशहूर लोकप्रिय अभिनेत्री अम्मा यांगर अय्यप्पन को राजकीय सम्मान देने का मौखिक आदेश 25 फरवरी 2018 को सीएम हाउस से मिला था। जिसे मुंबई उपनगरीय जिला अधिकारी और मुंबई पुलिस महानिदेश को बता दिया गया।
आरटीआई याचिका दायर करने का कारण पूछने पर कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हे इस बात का कन्फ्यूजन था कि क्या राजकीय सम्मान के साथ श्रीदेवी को विदाई इसलिए मिली क्योंकि उन्हें पद्मश्री मिला था। इसका जवाब यह मिला कि किसी भी व्यक्ति को राजकीय सम्मान दिया जा सकता है अगर राज्य का मुख्यमंत्री इसकी इजाजत दे। आरटीआई के जबाव में यह भी पता चला है कि 22 जून, 2012 से 26 मार्च, 2018 के बीच श्रीदेवी के अलावा 40 और हस्तियों को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई थी।
दरअसल श्रीदेवी को राजकीय सम्मान देने पर काफी विवाद भी हुआ था, और ये विवाद तब शुरू हुआ जब राज ठाकरे ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने यह कहा कि एक एक्ट्रेस जो शराब पीकर बाथटब में डूब गई उसे राजकीय सम्मान क्यों दिया जा रहा है।
बता दें, 24 फरवरी को दुबई के एक होटल में श्रीदेवी का निधन हुआ था, 28 फरवरी को अंतिम संस्कार किया गया।