जब मनोज बाजपेयी दिल्ली आए तो उनके पास पैसे नहीं थे। 300 रुपये में ही उन्हें गुजारा करना पड़ता था। 150 रुपये उन्हें घर से मिलते थे जबकि 150 रुपये वह नाटकों में एक्टिंग करके कमाते थे। 4 साल मेहनत के बावजूद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में मनोज को एडमिशन नहीं मिला। अपनी जिंदगी से तंग आकर मनोज ने सुसाइड करने का मन बना लिया, लेकिन दोस्तों के समझाने पर वह थियेटर करने लगे।
आगे पढ़िए राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल से 3 बार रिजेक्ट हुए मनोज