इस तरह के एडवेंचर्स ट्रैवलिंग शो में तमाम तरह की चुनौतियां होती हैं। इस दौरान उन्हें किसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा? उन्होंने कहा, "हम हिमालय के जिन क्षेत्रों से गुजरे, वहां आधी सड़कें टूटी हुई थीं, कई जगह सड़क ही नहीं है, सिर्फ पत्थर हैं, लेकिन इस शो की खूबसूरती ने इन चुनौतियों को महसूस ही नहीं होने दिया।" टीवी शो के खत्म होते चार्म के बारे में वह कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि टीवी शो, विशेष रूप से ट्रैवलिंग शो का चार्म कभी खत्म होगा। क्योंकि इस तरह के शो लोग यह देखने के लिए भी देखते हैं कि आखिर इस शो को प्रेजेंट कौन कर रहा है, उनके आपस की ट्यूनिंग कैसी है और यही चीज दर्शकों को शो से जोड़ती है।" वह आगे कहते हैं, "फॉक्सलाइफ जैसे चैनल अलग तरह के एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। लोगों के टेस्ट को ध्यान में रखते हुए शो बना रहे हैं, जिन्हें देखने में मजा आता है।"
यह शो 'ग्रेट एस्केप' का दूसरा सीजन है। पहले सीजन में कल्कि कोचलिन और उनके पिता ने शो की मेजबानी की थी और वे मोटरसाइकिल से हिमालय के भ्रमण पर निकल गए थे। दूसरा सीजन पहले सीजन से कितना अलग है? कुणाल कहते हैं, "पहले सीजन से यह काफी अलग है। पहले सीजन में एक बाप-बेटी के रिश्ते के जरिए यह शो आगे बढ़ा था, लेकिन इस बार दो दोस्त एक साथ आए हैं। कल्कि अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर थीं, जबकि हम गाड़ी में हैं, जिसमें ज्यादा फन है, क्योंकि मोटरसाइकिल पर दो लोगों के बीच संवाद कम हो पाता है।" 'ग्रेट एस्केप विद कुणाल एंड साइरस' 23 जून से फॉक्स लाइफ पर प्रसारित होने जा रहा है।