मुंबई: बॉलीवुड में पिछले कुछ वक्त से हर शैली की फिल्मों पर खास ध्यान दिया ज रहा है। जहां एक तरफ कॉमेडी, एक्शन, रोमांटिक और इमोशनल फिल्मों पर काफी मेहनत की जा रही है वहीं हॉरर फिल्मों को भी बेहतर दिखाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अभिनेता कुणाल रॉय कपूर का कहना है कि भारतीय दर्शक हॉरर फिल्में देखना पसंद करते हैं, इसके बावजूद इस शैली पर सही ढंग से काम नहीं हुआ है। कुणाल की हाल ही में हॉरर फिल्म 'द फाइनल एक्सिट' रिलीज हुई है। वहीं, इस साल रिलीज हुई हॉरर फिल्म 'मोना डार्लिग' और 'दोबारा: सी योर एविल' बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं थीं। इससे पता चलता है कि दर्शक हॉरर फिल्मों को पसंद नहीं करते हैं? इस सवाल पर कुणाल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस शैली के साथ कुछ गलत है, इसलिए हमारे दर्शक इसे स्वीकार नहीं करते। बल्कि इस शैली को सही ढंग से पेश नहीं किया जाता है।"
उन्होंने कहा, "पिछले दिनों आईं 'अन्नाबेले: क्रिएशन' और 'इट' ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की। दर्शकों ने इन्हें पसंद किया। लेकिन बॉलीवुड की बात करें तो हॉरर फिल्म शैली उनमें से एक है, जिस पर हमारे फिल्म उद्योग ने बहुत कम काम किया है। लोग सोचते हैं कि यह बी-ग्रेड फिल्मों की शैली है और इसके साथ गलत ट्रीटमेंट किया जाता है।" कुणाल ने कहा, "हॉरर उन शैलियों में से एक है, जहां निर्देशक को फिल्म के हर पहलू के साथ खेलने के लिए उच्च कौशल की जरूरत होती है, जिसमें सिनेमाटोग्राफी, पृष्ठभूमि, लाइटिंग, स्पेशल इफेक्ट्स प्रभाव और चरित्र शामिल हैं। अगर फिल्म का ट्रीटमेंट चतुराई भरा नहीं होगा तो यह दर्शकों को रोमांचित करने के बजाए हास्यास्पद लगेगी और इसलिए ये फिल्में सफलता नहीं हासिल कर पाती हैं।"
'द फाइनल एक्सिट' में अपने चरित्र के बारे में कुणाल ने कहा, "इस फिल्म में मैं एक फोटोग्राफर की भूमिका में हूं, जिसे बार-बार लोगों और स्थानों के सपने आते हैं और फिर वह उनकी खोज में निकलता है। वह जब उस स्थान पर पहुंचता है तो वहां फंस जाता है और फिर वह वहां से फाइनल एक्सिट के लिए मार्ग ढूंढ़ता है।" 'द फाइनल एक्सिट' इस शुक्रवार को रिलीज हुई है। (Happy B’day: शादी के बाद भी 10 साल तक इनके साथ लिव-इन में रहे थे फिरोज खान)