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Kasuatii Zindagii kay Episode 1 Review: एकता कपूर जी ये 2001 नहीं 2018 है!

अगर इस सीरियल की समीक्षा की जाए तो कही ना कही सब नकली सा जान पड़ता हैं... किरदार कमज़ोर नज़र आ रहे हैं dialogues और एक्टिंग की बजाय सिर्फ देश की जनता को ड्रामा और ड्रीम फैमिली दिखाने की कोशिश की गई है।

Written by: India TV Entertainment Desk
Updated on: September 25, 2018 21:27 IST
Kasuatii Zindagii kay Day 1 Review- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Kasuatii Zindagii kay Day 1 Review

नई दिल्ली: रेल की पटरियों को कभी गौर से देखा हैं..एक अजीब सा रिश्ता होता हैं इनके बीच... मीलों तक साथ चलती हैं... पर कभी एक नहीं हो पाती... अनुराग और प्रेरणा... इनकी कहानी भी कुछ ऐसी ही हैं... एक ज़मीन हैं... तो दूजा आसमान.. सदियों से साथ हैं पर फिर भी दूरियां बरक़रार हैं... आखिर चाहत के सफर में कितनी कसौटियों से गुज़रेगा इनका प्यार... इन्ही मोहब्बत भरी लाइन्स के साथ सुपरस्टार  शाहरुख़ खान कसौटी ज़िन्दगी के प्रोमो में दिखे थे.. प्रोमो देख कर ऐसा लगा की ये किसी सीरियल का प्रोमो नहीं फिल्म मोहब्बतें की कोई कहानी बयान हो रही हो।

आज यानी 25 सितम्बर 2018 को फिर से करीब  10 साल बाद हम सब के बीच आ चुका हैं.. इस बार नई प्रेरणा हैं और नया अनुराग.. और लोगो के मन में सवाल हैं की क्या ये नए किरदार फिर से वही जगह बना पाएंगे जो पहले के किरदारों ने बनाई थी। बालाजी टेलीफिल्म्स के  इस धारावाहिक के बारे में बात करने से पहले... आइये 18 साल पहले चलते हैं  तारीख थी 29 October 2001  जब 'कसौटी ज़िन्दगी' की शुरुआत हुई थी तब किसी को नहीं पता था की टीवी इंडस्ट्री में ये इतिहास बनेगा। ये शो करीब आठ साल चला 1,423 एपिसोड्स थे। मुख्य किरदार में थे श्वेता  तिवारी ,  उर्वशी ढोलकिया और मशहूर अभिनेता रोनित  रॉय.. जिन्होंने दर्शकों के मन में एक अलग पहचान बनाई... और कसौटी ज़िन्दगी को  टीवी इंडसट्री में अमर कर दिया, और इसी शोहरत को फिर से भुनाने की कोशिश कर रहा है बालाजी टेलीफिल्म्स।

शाम को 8 बजे 'कसौटी ज़िन्दगी की' सीरियल करीब 10 साल बाद फिर से सामने था...मंत्रों की ध्वनि के साथ भगवान की मूर्तियां, काली माँ, हावड़ा ब्रिज होते हुए भव्य महल नुमा घर में सुबह की आरती से शुरुआत होती है, एक-एक करके सभी किरदारों की एंट्री,सब के संस्कार देख ऐसा लग रहा था की क्या कभी ऐसा परिवार हो सकता हैं, चेहरे पर ख़ुशी, होठों से निकल शहद सरीखे बोल, अपनापन और अनुराग का किरदार निभा रहे शख्श से अनुसासन और नियम की नसीहत, प्रेरणा का चुलबुलापन, कही ही न कही कितना नकली और बनावटी सा जान पड़ता हैं... लगता नहीं की ये वो चाहत का सफर पर दर्शकों को ले जा पाएंगे जिसकी बात शाहरुख़ खान ने प्रोमो में की थी।

अगर इस सीरियल की समीक्षा की जाए तो कही ना कही सब नकली सा जान पड़ता हैं। किरदार कमज़ोर नज़र आ रहे हैं डायलॉग्स और एक्टिंग की बजाय सिर्फ देश की जनता को ड्रामा और ड्रीम फैमिली दिखाने की कोशिश की गई है।  पर आज के दौर में लोग खवाबों से ज़्यादा हक़ीक़त में जीना पसंद करते हैं, उन्हें पता हैं क्या सच हैं और क्या बनावट!  कौन क्या सोचता है। कपड़ों से लेकर बात-चीत के ढंग में हर जगह चीजें नकली लग रही हैं। ऊपर से प्रेरणा जहां सलवार सूट में जाती है कॉलेज बाकी लड़कियां शॉर्ट्स में थीं, ये अपने आप में अजीब था। इसलिए अगर एकता कपूर को इस धारावाहिक की साख बचने के उन्हें 17 साल पुरानी बनावटी नहीं आज की वास्तविकता को सामने लाना पड़ेगा, वैसे भी उन्हें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि ये 2001 नहीं 2018 हैं, लोगो के पास देखने के लिए बहुत कुछ हैं।

फैंस ट्विटर पर कुछ इस तरह रिएक्शन दे रहे हैं-

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