भोपाल/इंदौर: फिल्मकार संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक भव्य फिल्म ‘पद्मावत’ पर विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सेंसर बोर्ड और सुप्रीम कोर्ट की ओर से फिल्म को अनुमति मिलने के बाद इसे देशभर में रिलीज किया जाना था, लेकिन इसके बावजूद श्री राजपूत करणी सेना ने कई राज्यों में इसे रिलीज नहीं होने दिया। अब यह फिल्म बीते गुरुवार को मध्यप्रदेश की राजधानी के अलावा इंदौर में भी दिखाई जाने वाली थी, बाद में इसे रोक दिया गया। दरअसल इंदौर में करणी सेना ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर दिया। करणी सेना के विरोध के कारण राज्य में 'पद्मावत' रिलीज नहीं हो सकी थी।
पुलिस प्रशासन से मिले भरोसे के बाद भोपाल और इंदौर के सिनेमाघर संचालक फिल्म के प्रदर्शन को तैयार हुए। इंदौर में फिल्म रिलीज किए जाने से पहले बुधवार की रात को विजयनगर स्थित मल्टीप्लेक्स में करणी सेना के प्रतिनिधियों को फिल्म दिखाई गई। उसके बाद भी करणी सेना ने सहमति नहीं जताई गई। करणी सेना ने विजयनगर में प्रदर्शन कर फिल्म के रिलीज होने का विरोध किया, नतीजतन फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो पाया। दरअसल, करणी सेना इस मुद्दे को 8 राज्यों और लोकसभा चुनाव तक खींचकर ले जाना चाहती थी, लेकिन मुद्दे की हवा निकल गई। वह इसकी खींझ निकालना चाहती है। राजधानी के 5 सिनेमाघरों ने यह फिल्म दिखाने की तैयारी कर ली थी। सिनेमाघर संचालकों ने यहां सिर्फ शाम के शो चलाने का मन बनाया था।
वे इंदौर में फिल्म का प्रदर्शन होने का इंतजार करते रहे। इंदौर में जब फिल्म रिलीज नहीं हो पाई तो भोपाल में भी सिनेमाघर संचालक पीछे हट गए। आखिरकार इंदौर और भोपाल दोनों स्थानों पर फिल्म रिलीज नहीं हुई। इंदौर और भोपाल दोनों स्थानों पर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, मगर सिनेमाघर संचालकों ने ही करणी सेना के खौफ के चलते फिल्म नहीं दिखाई। उन्हें पता है कि पुलिस किसकी है और कायराना हरकतें करने वाली करणी सेना को किसका संरक्षण प्राप्त है।