मुंबई: छोटे पर्दे के लोकप्रिय अभिनेता करण कुंद्रा ने कई तरह के किरदारों को पर्दे पर उतारा है, हालांकि उनके फैंस ने उन्हें हर रूप में स्वीकार भी किया है। करण फिक्शन, नॉन फिक्शन, टेलीविजन या फिल्मों की अलग-अलग दुनिया में काम कर चुके हैं। वह अच्छा काम कर रहे हैं और उन्हें यह कहने में संकोच नहीं है कि वह उन कई कलाकारों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर कर रहे हैं और ज्यादा पैसा कमा रहे हैं, जो फिल्मों के जरिए प्रसिद्धि और पैसा कमाने की जुगत में लगे हुए हैं। इस साल की शुरुआत में बॉलीवुड फिल्म '1921' में मुख्य नायक का किरदार निभाने वाले करण छोटे पर्दे पर एकता कपूर के आगामी शो 'दिल ही तो है' से वापसी कर रहे हैं और उन्हें खुशी है कि वह इन सबके बीच संतुलन कायम करने में सफल रहे हैं।
करण ने यहां अपने नए शो के सेट पर बताया, "मैं इसे अच्छे से कर रहा हूं। मैंने करियर में इस बात को अच्छे से समझ लिया था कि अगर कोई कुछ कर रहा है तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको भी उसी की राह पर चलना है। वह आपको अनुगामी बना देता है न कि नेतृत्वकर्ता। मुझे अपनी राह खुद बनानी है।" उन्होंने इसका जिक्र किया कि फिक्शन शो करने के बाद उन्होंने क्राइम शो 'गुमराह' किया। अभिनेता ने कहा कि लोग उनसे पूछा करते थे कि वह क्राइम शो की मेजबानी क्यों करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने 'गुमराह' किया और इसे पसंद किया गया।
जब उन्होंने फिल्में करनी शुरू की तो लोगों ने कहा कि वह फिल्मों में अच्छा कर रहे हैं तो फिर टीवी में वापस क्यों आना चाहते हैं। वह फिर भी टीवी में वापस आएं और बेहतर काम किया। करण ने कहा, "मैंने अपने मुख्य किरदार वाली हिट फिल्म दी। मेरी फिल्म ('1921') ने पाकिस्तान में रिकॉर्ड तोड़ दिए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वहां के लोग मेरे फिक्शन शो खूब देखते हैं। मैं अपनी राह खुद बना रहा हूं। मैं शायद खुद की बड़ाई करता मालूम पड़ रहा हूं, लेकिन मैं बहुत अच्छा काम कर रहा हूं।" सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के शो 'दिल ही तो है' करने के पीछे का कारण उन्होंने इसकी कहानी का लीक से हटकर होना बताया और कहा कि इसकी अभिनेत्री न तो रोती है और न किसी से दया की भीख मांगती है।