करण जौहर बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी फिल्मों के अलावा अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते हैं। इस इंडस्ट्री में लगभग सबके साथ उनकी अच्छी दोस्ती है। वो सारी पार्टियों की जान होते हैं। पार्टी एनिमल के अलावा वो पाउट किंग भी कहे जाते हैं। इंस्टाग्राम पर उनकी कई तस्वीरें मिल जाएंगी, जिसमें वो पाउट करते नज़र आते हैं। उनकी दोस्ती की बात करें तो उनके सबसे अच्छे दोस्त शाहरुख खान हैं। करण ने न सिर्फ अपनी पहली फिल्म में शाहरुख को लिया था बल्कि एक्टर के तौर पर पहली फिल्म भी उन्होंने शाहरुख के साथ ही की थी।
शाहरुख ने करण के पापा यश जौहर के प्रोडक्शन की कई फिल्में की हैं। करण बहुत पहले से शाहरुख को अपना मानते आए हैं। करण ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब कोई मेरे पापा को इज्जत नहीं देता था, तब भी शाहरुख उन्हें बहुत इज्जत देते थे और ये बात मैं कभी भूल नहीं सकता।
करण डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रिप्ट राइटर होने के साथ-साथ एक्टर भी हैं। हालांकि बतौर एक्टर उनका अनुभव खराब ही रहा है। साल 1995 में आई फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में उन्होंने शाहरुख के दोस्त का किरदार निभाया था। फिल्म में उनका रोल छोटा ही था। 2015 में करण ने 'बॉम्बे वेलवेट' में एक्टिंग की थी और फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही थी। इसके बाद करण ने कहा था कि उन्हें समझ आ गया है कि एक्टिंग उनके बस की नहीं है।
करण का रिश्ता सिर्फ शाहरुख से ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी गौरी खान से भी बहुत अच्छा है। वो शाहरुख के तीनों बच्चों- आर्यन, सुहाना और अबराम को अपने बच्चों की तरह मानते हैं। यहां तक कि उन्होंने अपनी वसीयत में आर्यन और सुहाना का नाम भी रखा है। करण जल्द सुहाना को अपने फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू भी करा सकते हैं।
करण ने अपने 21 साल के करियर में 6 फिल्में डायरेक्ट की हैं, जिसमें से चार में शाहरुख लीड रोल में और एक में गेस्ट अपीयरेंस में थे। करण ने 1998 में 'कुछ कुछ होता है' से बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया था, जिसमें शाहरुख लीड रोल में थे। इसके बाद 'कभी खुशी कभी गम' (2001), 'कभी अलविदा ना कहना' (2006), 'माय नेम इज़ खान' (2009) में शाहरुख का लीड रोल और 'ए दिल है मुश्किल' (2016) में उनका गेस्ट अपीयरेंस था।
करण ने एक बार कहा था कि वो शाहरुख के बिना कोई फिल्म नहीं बनाएंगे, लेकिन जब उन्होंने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' उनके बिना बनाई तो उनके रिश्ते में दरार आ गई थी। एक इंटरव्यू में करण ने कहा था कि कई साल तक साथ काम नहीं करने के कारण उनके बीच दूरियां बढ़ गई थीं। साथ ही उन्होंने अपनी गलती मानते हुए कहा था कि उन्हें ऑन रिकॉर्ड ये नहीं कहना चाहिए था कि वो शाहरुख के बिना कोई फिल्म नहीं बनाएंगे।
अब शाहरुख और करण का रिश्ता फिर से अच्छा हो गया है। करण का कहना है कि उन्हें शाहरुख से पिता जैसी फीलिंग आती है। वो कहते हैं कि शाहरुख मुश्किल वक्त में हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं।