मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने शुक्रवार को एक्टर संजय दत्त से मुलाकात की और इस मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। तस्वीर शेयर करते हुए कंगना रनौत ने लिखा है- "जब मुझे पता चला कि हम हैदराबाद के एक ही होटल में ठहरे हैं, तो मैं आज सुबह संजू सर से मिलने और उनकी तबीयत का हालचाल लेने गई। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वह पहले से भी ज्यादा हैंडसम और स्वस्थ हैं। हम आपके लंबे जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं।"
जिसका जवाब देते अभिनेता संजय दत्त ने कॉमेंट किया, "आप से मिलकर काफी अच्छा लगा।"
बॉम्बे हाईकोर्ट में कंगना रनौत को बड़ी जीत मिली है। हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई को गलत ठहराया है और एक्ट्रेस को अनुमति दे दी है कि वो अपने दफ्तर का फिर से निर्माण करा सकती हैं। कोर्ट ने कहा है कि स्वतंत्र एजेंसी कंगना के हुए नुकसान का आंकलन करेगी। कोर्ट ने कहा कि एक राज्य किसी व्यक्ति के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई नहीं कर सकता है। इस जीत के बाद कंगना ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की है।
कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो कह रही हैं, "हैलो दोस्तों, मैं अपनी फिल्म थलाइवी की शूटिंग कर रही हूं, लेकिन मुझे बहुत अच्छी खबर मिली है कि मेरे बंगले का जो अवैध ध्वस्तीकरण हुआ था, उसका जो फैसला है, वो मेरे पक्ष में आया है। मैं अपनी न्यायपालिका, हाईकोर्ट की धन्यवादी हूं। जब भी कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और उसकी जीत होती है तो ये लोकतंत्र की विजय है।"
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस कंगना रनौत के बंगले पर की गई बीएमसी की कार्रवाई को गलत ठहराया
एक्ट्रेस ने आगे कहा, "मैं सभी फैंस को धन्यवाद कहना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे साहस दिया। जिन लोगों ने मेरा मजाक बनाया, मैं उन विलेन को भी धन्यवाद कहना चाहती हूं क्योंकि उनकी वजह से ही मैं हीरो हूं।"
बता दें कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा कि बीएमसी द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य था और अभिनेत्री को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था। अदालत ने विध्वंस के आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है।
कंगना रनौत ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट का किया रुख
कंगना रनौत ने बीएमसी से हर्जाने में दो करोड़ रुपये मांगे थे और अदालत से बीएमसी की कार्रवाई को अवैध घोषित करने का आग्रह किया था। मुआवजे के मुद्दे पर पीठ ने कहा कि अदालत नुकसान का आकलन करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त कर रही है जो याचिकाकर्ता और बीएमसी को विध्वंस के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान पर सुनवाई करेगा।