आसान नही था संगीत का सफर
घर छोड़ने के बाद कैलाश ने खुद को संगीत से और भी जुड़ा हुआ पाया। वह अलग-अलग जगह घूमे, जहां उन्हे संगीत और गानों के बारे में काफी जानकारी मिली। इतनी सी उम्र में घर छोड़कर अलग रहना कैलाश के लिए आसान नही था, ऐसे में अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कैलाश, छोटे बच्चों को संगीत सीखाकर उनसे 150 रुपए की फीस लिया करते थे। (Birthday boy रणवीर को मिला जन्मदिन का तोहफा, अब पेरिस के ग्रेविन म्यूज़ियम में बनेगा वैक्स का पुतला)
जब की थी आत्महत्या की कोशिश
वैसे तो वह संगीत में शिक्षा पाने के लिए कोई खास स्कूल या गुरु नहीं ढ़ूंढ पाए लेकिन वह पंडित कुमार गांधर्व, पंडित भीमसेन जोशी, नुसरत अली खान और लता मंगेशकर के गानों को ही अपनी प्रेरणा का स्त्रोत मानते थे। हर इंसान की जिंदगी में ऐसा समय भी ज़रुर आता है जब वह हर उम्मीद छोड़ देता है। कैलाश की जिंदगी में वह समय तब आया जब साल 1999 में उन्होनें अपने एक दोस्त के साथ मिलकर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट का बिज़नेस शुरु किया, जिसके बाद उस बिज़नेस में भारी नुकसान के चलते उन्हें वह बन्द करना पड़ा। इस नुकसान का कैलाश को इतना बड़ा झटका लगा कि उन्होनें डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कि कोशिश भी की थी। (काले हिरण मामले में जोधपुर अदालत नहीं पहुंचे सलमान खान, अब इस दिन होगी सुनवाई)