मशहूर कॉमेडियन comedian जॉनी लीवर Johnny Lever आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। जॉनी लीवर फिल्म इंडस्ट्री में कॉमेडी का बिलकुल नया पर्याय बन चुके हैं। एक समय ऐसा था जब उनके बिना किसी फिल्म में कमेडी की कल्पना तक नहीं की जाती थी।
अपनी किस्मत खुद लिखने वाले जॉनी लीवर का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में मुंबई की धारावी चॉल में हुआ। पेसै कमाने के लिए वो रेलवे स्टेशन पर पैन बेचा करते थे, लेकिन उनकी कॉमेडी टाइमिंग इतनी जबरदस्त थी कि लोग पैन लेने की बजाय उनकी कॉमेडी देखने के लिए रुक जाया करते थे। यही से जॉनी लीवर का यूनीक कॉमिक अंदाज और टाइमिंग निखरी और लोग उन्हें शादी ब्याह और अन्य समारोहों में बतौर कॉमेडियन बुलाने लगे। लेकिन यह परिवार का पेट भरने के लिए नाकाफी था।
उन्होंने मुंबई की मशहूर कंपनी हिंदुस्तान लीवर में मजदूर की नौकरी कर ली। वो अपने मस्तमौला अंदाज और कॉमेडी से आस पास के दुखी और बेजार लोगों को हंसाया करते थे। इस वजह से उनके आस पास लोगों की भीड़ रहती थी जो काम काज छोड़कर या फ्री टाइम में उनके पास हंसने के लिए आ जाया करती थी। इससे कंपनी का मैनेजर उनसे खासा नाराज रहता था। लेकिन इसी कंपनी ने जॉनी की किस्मत इस तरह बदल दी कि उन्होंने सम्मानपूर्वक कंपने के सरनेम को अपना सरनेम बना लिया।
दरअसल एक दिन कंपनी में यूनियन का कोई समारोह था और जॉन भी जा चढ़े स्टेज पर अपनी कॉमेडी करने। उन्होंने मजदूरों के बीच कंपनी के बड़े मालिकों, मैनेजरों की इतनी जबरदस्त नकल करके बताई कि उनकी ख्याति ऊपरी अधिकारियों तक जा पहुंची। उन्होंने भी जॉनी की तारीफ की और उन्हें सराहा।
इसी बीच कल्याण जी ने जॉनी के हुनर के बारे में सुना तो वो शो के लिए जॉनी को साथ ले जाने लगे। शोज में जॉन की मिमिक्री लोगों को इतनी पसंद आई कि लोग उन्हें बुला बुलाकर शोज कराने लगे। एक बार शत्रु जी की मिमिक्री करने के बाद खुद शत्रु जी उनसे मिलने आए। एक बार सुनील दत्त जी ने जॉनी को शो पर देखा और तुरंत स्टेज पर जाकर जॉनी को अपनी अगली फिल्म दर्द का रिश्ता में काम करने का ऑफर दे दिया।
बस इसके बाद जॉनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी कॉमेडी और टाइमिंग फिल्म दर फिल्म निखरती गई औऱ एक समय वो इंडस्ट्री के नामी कॉमेडियन में गिने जाने लगे।