मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफान खान चल बसे। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इरफान ने आखिरी सांस ली। इरफान कोलन इंफेक्शन की वजह से 28 अप्रैल को कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती थे। 5 दिन पहले ही इरफान की मां सईदा बेगम का भी निधन हुआ था। खराब तबीयत और लॉकडाउन की वजह से इरफान मां के अंतिम दर्शन के लिए भी नहीं जा सके। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने मां के अंतिम दर्शन किए। अब खबरें आ रही हैं कि इरफान खान ने अपने इंतकाल से पहले अपनी मां को याद किया। इरफान ने अपनी पत्नी सुतापा से कहा- 'देखो, अम्मा मुझे लेने आई हैं। वो मेरे पास बैठी हैं।' ये सुनकर उनकी पत्नी सुतापा रोने लगी।
इरफान अपनी मां के बेहद करीब थे। पिता का निधन इरफान के एनएसडी में भर्ती होने से 15 दिन पहले ही हो गया था। मां से इरफान काफी जुड़े हुए थे। ऐसा लगता है कि मां के निधन का सदमा इरफान सहन नहीं कर पाए। बता दें, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से इरफान के पार्थिव शरीर को अस्पताल से सीधा कब्रिस्तान लाया गया। मुंबई के वर्सोवा कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बॉलीवुड सितारे भी नहीं पहुंच पाए। हालांकि इरफान से करीबी लोग जरूर अंतिम विदाई में शामिल हुए। फिल्ममेकर्स विशाल भारद्वाज और तिग्मांशु धूलिया इरफान के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे। उनके अलावा सिर्फ परिवार के लोग ही कब्रिस्तान में मौजूद थे।
इरफान खान के साथ 'पान सिंह तोमर' और 'हासिल' बनाने वाले फिल्ममेकर तिग्मांशु धूलिया ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि अगर इरफान खान का निधन कोरोना के वक्त ना हुआ होता तो उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हुजूम उमड़ जाता। तिग्मांशु ने यह भी कहा कि इरफान बेहतर विदाई के हकदार थे। वहीं इरफान के साथ 'मकबूल' बनाने वाले निर्देशक विशाल भारद्वाज ने कहा कि इरफान के साथ मेरा जरूरी हिस्सा भी मर गया।