इम्पा ने सीएम को लिखे पत्र में इस बात की पेशकश की है कि एसोसिशन का जो सदस्य आर्थिक रूप से कमजोर है और उन्हें अगर वैक्सीन लगवाने के लिए पैसे की जरूरत है तो वो उन्हें 3000 रुपए की मदद देने के लिए भी तैयार हैं।
इसके अलावा एसोसिएशन ने पत्र में इस बात की खुशी जाहिर की है कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के लिए सरकार ने फिल्म सिटी के अलावा वसई और विरार में भी वैक्सीनेशन का इंतजाम किया है। जिसमें सिर्फ कार्ड धारक सदस्यों को वैक्सीन दी जाएगी. इससे वैक्सीन का फायदा इन लोगों को तेजी से मिल सकेगा क्योंकि ये सब लोग फिल्म यूनिट से जुड़े लोग हैं और इन्हें आउटडोर में शूट करना पड़ता है।
दरअसल, इम्पा में 6000 सदस्य हैं जो फिल्म मेकिंग में हर छोटी बड़ी जरूरत को पूरा करने के लिए दिन रात लगे रहते हैं। इन लोगों को एसोसिशन द्वारा तय किया हुई फीस मिलती है लेकिन इनका काम दिहाड़ी मजदूर जैसा होता है।
लॉकडाउन में शूटिंग बंद होने से इन लोगों पर रोजगार का बड़ा संकट आ गया है। ये संकट साल 2020 से ही चल रहा है क्योंकि जब पिछली बार महीनों का लॉकडाउन लगा था तब से छोटे बजट की फिल्मों का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया था जो इन मेंबर्स की कमाई का एक मुख्य जरिया था। सैकड़ों लोगों के मुंबई छोड़कर अपने शहरों का रुख करना पड़ा था, जिससे इन लोगों का जीवन काफी अस्त- व्यस्त हो गया।
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ऐसे में इस साल फिर से लॉकडाउन ने इन लोगों पर संकट दिनों की याद दिला दी है। कुछ लोगों ने ऐसे वर्कर्स की मदद जरूर की लेकिन उससे लंबे वक्त तक गुजारा करना मुश्किल है। सभी की ये मांग है कि उन्हें वैक्सीन लग जाए और काम फिर से शुरू हो जाए तो उनके अच्छे दिन वापस आ सके।
फिल्म इंडस्ट्री में बड़े स्टार्स के अलावा करीब 70 हजार ऐसे वर्कर्स हैं जिनका फिल्मों को बनाने में विशेष योगदान होता है ये लोग टेक्निकल से लेकर सेट पर हर वो व्यवस्था करते हैं जो शूटिंग के लिए जरूरी होता है। इनमें ड्रेसमैन, डांसर्स, स्पॉटबॉय, बाउंसर्स और टेक्निकल स्टाफ शामिल होते हैं।
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