सलमान के बॉडीगार्ड की गवाही मानी- नशे में गाड़ी चला रहे थे वो
कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी माना कि सलमान के बॉडीगार्ड रहे रवींद्र पाटिल मामले में एक स्वाभाविक और निष्पक्ष गवाह रहे हैं। पाटिल लगातार कहते रहे कि सलमान शराब के नशे में गाड़ी चला रहे थे। उनकी गवाही को कोर्ट ने भी माना।
खून के धब्बे की दलील ठुकराई- पीड़ित की कार से कुचलकर मौत
जज ने ये भी माना कि हादसे में पीड़ित नुरुल्ला शरीफ की मौत कार चढ़ने की वजह से हुई, न कि क्रेन से कार उठाए जाने के दौरान गिरने से। कोर्ट ने सलमान के वकील की उस दलील को नहीं माना, जिसमें कहा गया था कि घटनास्थल पर खून की बूंदें न मिलना इस बात का सबूत है कि कार चढ़ने से नुरुल्ला की मौत नहीं हुई।
पीड़ित की गवाही नज़रअंदाज
हादसे में घायल अब्दुल शेख ने कहा था कि उन्होंने कार को क्रेन से उठाए जाते वक्त नुरुल्ला को दर्द से चीखते और रोते सुना है। कोर्ट ने शेख की इस गवाही को खारिज किया।
कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि आरोपी एक मशहूर एक्टर हैं। उसे अच्छी तरह पता था कि बिना लाइसेंस गाड़ी नहीं चलाना चाहिए। उसे इस बात की जानकारी थी कि इतनी रात नशे में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।
कोर्ट के फैसले के ये कुछ ऐसे अंश हैं। जो साबित करते हैं कि सलमान के वकील ने जो भी दलीलें पेश कीं उसे अदालत ने पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया और शायद यही वजह है कि जज देशपांडे ने सलमान को पांच साल की कड़ी सज़ा सुनाई।