नई दिल्ली: नुसरत फतेह अली खान ने बहुत पहले एक गाना गाया था, ‘’मेरे रश्क ए कमर तूने पहली नजर, जब नजर से मिलाई मज़ा आ गया...’’ ये गाना इतना मशहूर की आज भी इंटरनेट पर इसके सैकड़ों वर्जन आपको देखने और सुनने को मिल जाएंगे। बाद में राहत फतेह अली खान ने भी इस गाने को अपने अंदाज में गाया, जो काफी मशहूर हुआ। हाल ही में अजय देवगन और इलियाना डिक्रूज की फिल्म ‘बादशाहो’ में भी इसी गाने को नए अंदाज में शामिल किया गया है। अजय और इलियाना पर फिल्माया ये गाना रिलीज होते ही हिट हो गया। लोगों को ये गाना बहुत पसंद है लेकिन क्या आपको मालूम है कि रश्क-ए-क़मर का मतलब क्या होता है? आज हम आपको इस गाने का मतलब समझाते हैं।
रश्के कमर उर्दू जुबान का शब्द है, हिंदी भाषी क्षेत्रों में यह शब्द नुसरत फ़तेह अली खान की गाई ग़ज़ल “रश्क-ए-क़मर” की वजह से ही मशहूर हुआ है। रश्के कमर का मतलब होता है “चाँद की ईर्ष्या”। इस शब्द को सही तरीके से ‘रश्क-ए-कमर’ लिखा जाता है। अगर अलग-अलग करके इसका मतलब समझा जाए तो, रश्क मतलब होता है जलन या ‘ईर्ष्या’ वहीं क़मर का मतलब होता है ‘चांद’। यानी कोई इतना खूबसूरत हो कि चांद को भी उससे जलन होने लगे। रश्के कमर का प्रयोग प्रेमी अपनी प्रेमिका की सुंदरता की तारीफ में करता है। क्योंकि चांद सुंदरता का प्रतीक है।
रश्के कमर को इंग्लिश में एनवी ऑफ़ द मून (Envy of the Moon) कहते हैं।
इस गाने को किसने लिखा है ये आज तक पता नहीं चल पाया है। कुछ लोगों का कहना है कि खुद नुसरत साहब ने ही इस गाने को लिखा था।
अब इस गाने का इतना जिक्र हो ही गया है तो आपको इस गाने को सुनने के लिए कहीं और न जाना पड़े, इसलिए हमने नीचे गाने की लिंक एड कर दी है। फिर से सुनिए और इस बार मीनिंग समझते हुए सुनिए।
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रश्के कमर पर मौनी रॉय का डांस देखकर आप भी कहेंगे वाह