नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा 9 दिसंबर को 75 साल के हो रहे हैं। शत्रुघन सिन्हा अपनी एक्टिंग के साथ-साथ दमदार डायलॉग के कारण जाने जाते है। आप भी उनके फैंस के मुंह से बेहतरीन डायलॉग आपको आसानी से सुनने को मिल जाएगे। आज हम आपको शत्रुघन सिन्हा के जन्मदिन पर उनके कुछ मशहूर डायलॉग बताने जा रहे हैं।
शत्रुघन सिन्हा के डायलॉग का इतना असर था कि जब उन्होंने बोला था- ''शाम आये तो कह देना छेनू आया था, अगर मेरे लोंडो को हाथ लगाया तो मोहल्ले का मोहल्ला उड़ा दूंगा।'' ये डायलॉग इतना हिट हुआ था कि लोग उन्हें छेनू नाम से ही बुलाने लगे थे। पढ़िए शत्रुघन सिन्हा के कुछ मशहूर डायलॉग-
- आज कल जो जितना ज्यादा नमक खाता है, उतनी ही ज्यादा नमक हरामी करता है।
- पहली गलती माफ कर देता हूं... दूसरी बर्दाश्त नहीं करता
- अबे खामोश काफी फेमस हुआ। इस डायलॉग को वह कई फिल्मों में बोलते रहे हैं। यह डायलॉग कई सिनेप्रियों की जुबान पर आज भी छाया हुआ है।
- फिल्म हमसे न टकराना साल 1990 में आईं थी। जिसका डायलॉग- अमीरों से गरीबों की हड्डियां तो चबाई जा सकती हैं, उनके घर की रोटियां नहीं।
- फिल्म क्रांति का डायलॉग- अपनी लाशों से हम तारीखें आबाद रखें, वो लड़ाई हो अंग्रेज जिससे याद रखे
- नसीब फिल्म का डायलॉग- जिसके सर पर तुझ जैसे दोस्त की दोस्ती का साया हो, उसके लिए बनकर आई मौत, उसके दुश्मन की मौत बन जाती है
- फिल्म विश्वनाथ का डायलॉग- जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने, उसे विश्वनाथ करते हैं
- आज के जमाने में बेइमानी ही एक ऐसा धंधा रह गया है जो पूरी इमानदारी से के साथ किया जाता है।
- मैं तेरी इतनी बोटियां करूंगा कि आज कोई गांव का कुत्ता भूखा नहीं सोएगा।
- फिल्म कालीचरण का डायलॉग- आज के जमाने में तो बेईमानी ही एक ऐसा धंधा रह गया है, जो पूरी ईमानदारी के साथ किया जाता है।