उन्हें हिंदी सिनेमा का खलनायक कहा जाता है। उन्हें बॉलीवुड का मुन्नाभाई बोला जाता है। प्यार से कोई संजू बुलाता है तो कोई बाबा। हम बात कर रहे हैं संजय दत की । एक ऐसा स्टार जो हमेशा अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहा कॉलेज के दिनों में संजय ड्रग्स एडिक्ट हो गए ड्रग्स से पीछा छूटा तो एके 56 ने उन्हें बॉलीवुड का बैडमैन बना दिया। जेल गए सजा भी भुगती बावजूद इसके पब्लिक संजू की गलतियों को नजरअंदाज कर प्यार बरसाती रही । यहां तक कि उनकी असल जिंदगी बन बनी फिल्म संजू ने भी रिकॉर्डतोड़ कमाई की है। आज संजू का जन्मदिन है । आइए आपको संजय दत्त के किरदारों से लेकर उनकी असल जिंदगी की 15 कहानियां सुनाते हैं।
जिंदगी का मजा हमने बहुत कम लिया है अब वापस लौटा हूं जिंदगी भर का मजा लूंगा...
ये डॉयलॉग उनकी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म साहेब, बीवी और गैंगस्टर 3 की है। उम्र 60 छूने को आ चली हैलेकिन परदे पर उनकी मौजूदगी आज भी अपने मोहपाश में बांध लेती है। फिलहाल संजय दत्त साहब, बीवी और गैंगस्टर 3 के उदय सिंह के रोल में सिल्वर स्क्रीन पर हैं।
साहब बीवी गैंगस्टर फ्रेंचाइजी की अपनी अलग फैन फॉलोइंग है लेकिन संजय के आने से इस फ्रेंचाइजी को नई जान मिल गई है। फिल्मकार तिग्मांशु धूलिया ने सात साल पहले इस फिल्म के पहले पार्ट को पेश किया था ।और तभी से साहब यानि जिमी शेरगिल और बीवी यानि माही गिल के साथ आगे बढ़ने वाली इस कहानी में हर बार नए गैंगस्टर की एंट्री होती रही है । रणदीप हुडा और इरफान खान के बाद फिल्म के इस तीसरे पार्ट में संजय दत्त की एंट्री हुई है।
संजय दत्त बलीवुड के ऐसे इकलौते एक्टर हैं जिनके जीते जी उनकी निजी जिंदगी को फिल्मी परदे पर उतारा गया है। संजय दत्त की बायोग्राफी पर बनी फिल्म संजू ने बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई है।
फिल्म ने अब तक बॉक्स ऑफिस पर 337 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। संजय दत्त की जिंदगी को करीब से जानने के लिए टिकट खिड़की पर इतनी लंबी लाइन लगी कि फिल्म ने अब तक तकरीबन 320 फीसदी का मुनाफा कमा लिया है।
तीन घंटे की फिल्म संजू में संजय दत्त के सालों का सफर समाया हुआ है। साप सीढ़ी की तरह रही संजय दत्त की जिंदगी को जिस खूबसूरत अंदाज में राजकुमार हिरानी ने पिरोया है उसे देखकर दर्शक तारीफ करते नहीं थक रहे हैं फिल्म में संजय दत्त के हर इमेज को रणवीर कपूर ने हूबहू उतारा है। फिल्म में 50 साल के संजय की झलक हैतो 20 साल वाले रॉकी की भीइसमें खुशी है तो गम भी है। प्यार है तो इनकार भी है । जादू भी है नशा भी है। ग्लैमर की चमक दमक है तो जुर्म का स्याह अंधेरा भी है।
एक तरफ संजय की जिंदगी पर बनी फिल्म कमाल कर रही है तो दूसरी तरफ खुद संजय दत्त फिल्मी परदे पर धमाल मचा रहे हैं । फिल्म इंडस्ट्री में संजू बाबा की ये तीसरी पारी हैऔर इस पारी में भी संजय का जादू वैसे ही कायम है। साल 2016 में अपनी सजा पूरी करने के बाद संजय दत्त फुल फॉर्म में हैं। जेल से रिहाई के बाद 2017 में उनकी सिर्फ एक फिल्म भूमि रिलीज हुई थी लेकिन संजय एक बार फिर लाइट, कैमरा और एक्शन की दुनिया में रम गए हैं। साहब, बीवी और गैंगस्टर 3 के बाद अभी कई फिल्में पाइपलाइन में हैं। आने वाले वक्त में संजय कई दिलचस्प फिल्मों में दमदार किरदारों के साथ दस्तक देने वाले हैं।
अपनी तीसरी पारी में संजय फिल्मों में सिर्फ एक्टिंग ही नहीं कर रहे बल्कि फिल्म प्रोड्यूस भी कर रहे हैं। संजय दत्त की अपकमिंग फिल्मों की अगर बात करें तो ये फिल्में हैं तोरबाजकलंकपानीपतऔर प्रस्थानम् । प्रस्थानम 2010 में आयी तेलुगु पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म है जिसके प्रोड्यूसर बने हैं संजयतो आशुतोष ग्वारिकर की इतिहास पर बेस्ड फिल्म पानीपत में अफगानिस्तान के शासक अहमद शाह अब्दाली के किरदार में नजर आने वाले हैं संजय दत्त।
मेरे बारे में जो भी सुना होगा बुरा ही सुना होगा लेकिन इतना बुरा भी नहीं कि बगल में खड़ा होकर कोई बदनाम हो जाए। बेशक संजय दत्त की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है । इसकी शुरुआत हुई थी 29 जुलाई साल 1959 को जब सुपरस्टार सुनील दत्त और नर्गिस के घर संजय का जन्म हुआ था। संजय का बचपन बड़े ही लाड़-प्यार में गुजरालेकिन टीनएज तक आते आते उनके बिगड़ने के किस्से बाहर आने लगे थे। तब संजू दस बरस के भी नहीं हुए थे लेकिन घर पर सुनील दत्त से मिलने फिल्म प्रोड्यूसर्स या दोस्त आते और वो लोग जो सिगरेट पीकर फेंक देते थे संजय उन्हीं बची हुई सिगरेटों को छिपकर पिया करते थे।
संजू को बिगड़ता देख नरगिस और सुनिल दत्त ने उन्हें मुंबई के कैथेड्रल स्कूल से निकाल कर हिमाचल प्रदेश के मशहूर बोर्डिंग स्कूल सेंट लॉरेंस भेज दिया। जहां कई साल तक संजय ने आगे की पढ़ाई कीसाल 1977 में संजय जब लॉरेंस स्कूल से मुंबई वापस लौटे, उस वक्त उनकी उम्र 18 बरस की हो चली थी। तब संजय का एडमिशन मुंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज में करवाया गया। सबको यही लग रहा था कि संजू बाबा अब सुधर गए हैं लेकिन यही वो दौर था जब संजय की जिंदगी ड्रग्स की स्याह दुनिया में समा गई।
साल 1980 में संजय दत्त की मां नर्गिस की तबियत खराब हो गईजांच में पता चला कि उन्हें जानवेला मर्ज कैंसर ने अपने चपेट ले रखा है। ये सुनील दत्त के साथ संजय के लिए भी गहरा झटका थाकहते हैं कि संजय दत्त मां की बीमारी के गम में और ज्यादा ड्रग्स लेने लगेइसी दौरान संजय दत्त ने एक और जिद्द की और वो जिद्द थी पढ़ाई छोड़ कर फिल्मों में आने कीहालांकि दत्त साहब नहीं चाहते पढ़ाई बीच में छोड़कर संजय फिल्मों में काम करें। लेकिन बेटे के जिद्द के आगे पिता को अपना मज बदलना पड़ा । इंडिया टीवी के खास शो आप की अदालत में संजय दत्त ने इस राज से परदा उठाया था ।
वैसे तो संजय दत्त साल 1981 में रिलीज हुई फिल्म रॉकी से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। लेकिन फिल्मी परदे पर वो रॉकी के आने से 10 साल पहले ही फिल्म रेशमा और शेरा में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आ चुके थे। अपनी पहली फिल्म रॉकी से ही लोगों के दिलों पर राज करने लगे थे संजय दत्तलेकिन कहते हैं कि खुद संजय के दिल-ओ-दिमाग पर उस वक्त ड्रग्स का नशा छाया हुआ था। संजू बाबा के बारे में कहा जाता है कि ऐसा कोई नशा नहीं संजय जिसे चखा नहीं। संजय दत्त की जिंदगी का उस हिस्से को उनकी बयोग्राफी पर बनी फिल्म संजू में बड़े ही करीब से दिखाया गया है ।
वैसे तो संजय दत्त को ड्रग्स की लत कॉलेज के दिनों में ही हो गई थीलेकिन परिवार को इसकी भनक तक न थी दबी जुबान से बात सामने भी आती तो घरवालों को यकीन नहीं होतालेकिन संजय की मां नरगिस का विश्वास पुख्ता नहीं निकला।बेटा बर्बादी की तरफ बढ़ रहा था और मां हर पल मौत के करीब जा रही थी। संजय दत्त के पिता सुनील दत्त जब इंडिया टीवी के खास शो आप की अदालत में आए थे तो बड़ी ही साफगोई के साथ इसे कबूल किया था । मां नरगिस के गुजरने के बाद संजय दत्त पर ड्रग्स और हावी होता गयाड्रग्स के आदी हो चुके संजू को इससे निजात दिलाने के लिए तब सुनील दत्त ने उन्हें अमेरिकन डॉक्टर्स के पास ले गएऔर बड़ी मुश्किल से संजय ड्रग्स से दूर हुए।
ड्रग्स से पीछा छूड़ाने के लिए 11 महीनों तक अमेरिका में संजय का इलाज चला था । उस दौरान संजय ने तय कर लिया था कि वो बॉलीवुड को बाय बाय बोल देंगे । और अमेरिका आकर किसी बिजनेस में हाथ आजमाएंगेलेकिन इसी दौरान फिल्मकार पप्पू वर्मा के प्रेशर में उन्हें जान की बाजी फिल्म साइन करनी पड़ीजान की बाजी साल 1985 में रिलीज हुई और संजय दत्त का मन एक बार फिर फिल्मी दुनिया में रमने लगाअब बिजनेस के आइडिया को भुला कर संदज दत्त एक्टिंग में ही फोकस करने लगे ।
रॉकी फिल्म के बाद संजय दत्त की तमाम फिल्में फ्लाप ही रहीअब संजय दत्त को एक अदद हिट फिल्म का इंतजार था और संजू का ये इंतजार साल 1986 में आई फिल्म नाम के जरिए पूरा हुआ नाम फिल्म में गानों के बोल भी कुछ वैसे थे, जैसे उन्हें अमरीका जाने से रोकने के लिए रचे गए हों। अपनी कहानी किरदार और गानों की बदौलत नाम फिल्म सुपरहिट साबित हुआ और संजय दत्त ने बॉलीवुड में रहने का फैसला कर लिया।
फिल्मी परदे पर लव, इश्क और मोहब्बत करने वाले नायक की असल जिंदगी में प्यार ने दस्तक दी । हालांकि इससे पहले भी संजय दत्त का रोमांस सुर्खिया में छाई रहती थी लेकिन इस बार परवान चढ़े प्यार को संजय ने शादी के सात फेरों में बदल दिया । संजय दत्त ने ऋचा शर्मा से शादी कर अपना घर बसा लिया। साल 1987 में संजय ने शादी की और एक साल बाद उन्हें एक बेटी भी हुई जिसका नाम त्रिशला रखा गया।लेकिन अचानक रिचा के सर में दर्द होने लगाजांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि रिचा को ब्रेन ट्यूमर हो गया है। इलाज के लिए रिचा और त्रिशला अमरीका शिफ्ट हो गईं।
1986 में आई फिल्म नाम की कामयाबी के बाद आई संजय दत्त की कई फिल्में नाम कमाने बेअसर साबित हुईंलेकिन इसी दौरान उनकी जोड़ी माधुरी दीक्षित के साथ खुब सराहा गया । परदे पर माधुरी का साथ क्या मिला संजय दत्त की फिल्मी करियर एक बार फिर पटरी पर लौट आई । कहा जाता है कि इस बीच संजय दत्त और रिचा के बीच दूरियां बढ़ती गईऔर माधुरी के करीब आते गए संजय दत्त । साल 1991 में फिल्म साजन के रिलीज होते होते तब की मैगजीन्स में संजय दत्त के साथ माधुरी के रोमांस की खबरें सुर्खियों में छपने लगी थी। माधुरी की जिंदगी में संजय संग रोमांस की सुर्खियों का सिलसिला 1989 में आई फिल्म थानेदार से शुरु हुआ था। हालांकि इसकी एक वजह दोनों का कई फिल्मों में एक साथ काम करना बताया जाता है, लेकिन फिल्मों के साथ दोनों के अफेयर के किस्से भी जोर पकड़ते चले गए।
90 के दशक की फिल्म मैगजीन्स में यहां तक लिखा गया कि संजय दत्त माधुरी से शादी का इरादा रखते थे तब संजय दत्त की पहली पत्नी रिचा शर्मा संजय के घर छोड़कर अलग रहने लगी थीइसी दौरान पता चला कि रिचा शर्मा को कैंसर हैऔर कहा जाता है कि रिचा की बिगड़ती तबियत देख संजय दत्त ने तलाक लेने का इरादा छोड़ दिया। लेकिन इसी दौरान संजय की जिंदगी में एक ऐसी घटना घटी जिसने बॉलीवुड में भूचाल ला दिया । 1993 के मुंबई बम धमाकों में संजय दत्त का नाम भी उछला। ये खबर माधुरी को हिला देने वाली थीमाधुरी का नायक अचानक कानून की नजरों में खलनायक बन गया था।