मुंबई: बीते दौर में अपनी दिलकश अदाओं से करोड़ो लोगों के दिलों में राज करने वाली अभिनेत्री रेखा की खूबसूरती का आज भी कोई जवाब नहीं हैं। मंगलवार को अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं लेकिन आज भी वह जिस राह से गुजरती है लोगों की नजरें उन पर टिकी रह जाती हैं।
10 अक्टूबर 1954 को तमिलनाडु में जन्मी भानूरेखा गणेशन उर्फ रेखा अपने अभिनय व अप्रितम सौन्दर्य के लिए पहचाना जाने वाला एक खूबसूरत नाम है। एक ऐसा नाम जिसकी आंखों की मस्ती और अभिनय का जादू बड़े पर्दे पर खूब चला। रेखा की जिंदगी के सावन भादों में कई धूप छांव है जिसमें संघर्ष और सफलता की ऐसी दास्तां है जिसमें जिंदगी का असली सच छुपा हुआ है।
कुछ खूबसूरत पल, कुछ अंजाने दुख और मुस्कान के कुछ मोती भी है। तमिल फिल्मों के सुपरस्टार कहे जाने वाले जैमिनी गणेशन और तेलगू स्टॉर पुष्पावल्ली की बेटी रेखा ने अपने अभिनय के दम पर बॉलीवुड में एक खास पहचान बनाई है।
बॉलीवुड में अभिनय की पारी शुरु करने से पहले रेखा तमिल फिल्म ‘रंगुला रतन्म’ में बाल कलाकार के रुप में नजर आ चुकी थीं। रेखा ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘सावन-भादों’ से की थी और इसी फिल्म से उन्हें पहचान मिलनी शुरु हो गई थी। लेकिन रेखा के करियर में असली जादू जगाने वाली फिल्म ‘दो अंजाने’ और 'घर' को माना जाता है। ये दो ऐसी फिल्में थी जिसके बाद रेखा के फिल्मी करियर में एक रफ्तार आ गई थी।
रेखा की जोड़ी पर्दे पर सबसे ज्यादा अमिताभ बच्चन के साथ हिट रही। दोनों ने साथ में कई रोमांटिक फिल्में दी हैं इनकी कैमेस्ट्री इतनी जबरदस्त थी कि इसका असर निजी जिंदगी पर भी पड़ने लगा और अक्सर दोनों के लिंक-अप की खबरें मीडिया में आने लगीं। लेकिन अमिताभ पहले से ही शादी शुदा थे और इन खबरों के कारण उनके परिवार पर भी असर पड़ने लगा था। इसके बाद इन दोनों को फिल्म 'सिलसिला' में आखिरी बार साथ काम करते हुए देखा गया था।
वर्ष 1981 में आई फिल्म ‘उमराव जान’ में रेखा ने अभिनय का एक ऐसा किरदार जिया जिसकी आज भी मिसाल दी जाती है। अभिनय में डूबी रेखा की मस्तानी आंखों का जादू कुछ इस कदर चला कि जिसने भी देखा वह सम्मोहित हो गया। 'एक ही भूल', 'बसेरा', 'कलयुग' से रेखा ने यथार्थ सिनेमा जगत में अपनी अलग छाप छोड़ी।
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