नई दिल्ली: सोनू निगम... हिंदी सिनेमा के ऐसे सुरीले सुपरस्टार जिनकी आवाज हिंदुस्तान की पहचान है। दुनिया भर में सोनू के सुरों के करोड़ों कद्रदान हैं। आज बॉलीवुड के सबसे महंगे सिंगर हैं सोनू निगम, लेकिन सोनू को ये मुकाम यूं ही नहीं मिला। सुरों की समझ तो सोनू को विरासत में मिली लेकिन खुद को कामयाब बनाने के लिए सोनू ने संघर्ष का लंबा सफर तय किया है। कभी शादी-ब्याह की पार्टियों से गाने की शुरुआत करने वाले सोनू आज शोहरत के सातवें आसमान पर हैं। फिल्में भले ही फ्लॉप हो जाएं लेकिन सोनू का गाया गाना हमेशा सुपरहिट रहता है। आज सोनू निगम का जन्मदिन है। ऐसे में आइए आपको सोनू निगम के सुरीले सफर की कहानियां सुनाते हैं।
सोनू निगम की गायकी हर बंदिशों से पार है। वर्सटिलिटी में सोनू के सुरों का जवाब नहीं है। इसीलिए तो एक ही फिल्म में आने वाले अलग अलग मूड के गानों को सोनू अपने सतरंगी सुरों से ऐसे सजाते हैं कि सुनने वाले वाह वाह कर उठते हैं। मिसाल के तौर पर फिल्म कभी खुशी कभी गम को ही ले लीजिए।
इस फिल्म में सोनू ने रोमांटिक गाने गाए, फास्ट बीट्स वाले गीत गाए तो फिल्म के सैड सॉग को भी अपने सुरों से यादगार बना दिया।
प्लेबैक सिंगिंग में सोनू का कोई जवाब नहीं है। म्यूजिक की दुनिया में सिंगर सोनू निगम का सिर्फ नाम ही काफी है। इनके गानों को जो भी सुन लेता है, उसे प्यार का अहसास हो जाता है। दिलों को सुरों से गुदगुदाने वाले इस गायक के ऐसे सैकड़ों सुपरहिट फिल्मी गीत हैंजिसमें सोनू की गायकी की गूंज सुनाई देती हैं। जब भी सुरों से साथ कुछ अलग करना हो खास करना होतो संगीतकारों को सोनू निगम ही याद आते हैं क्योंकि सोनू के सुरों का साथ पाकर ऑल इज वेल हो जाता है।
सोनू के सुरों में एक हीलिंग टच है। जिसे सुनकर लोगों को राहत मिलती है। दिलों को सुकून मिलता है। सोनू कहते भी हैं कि उनके लिए सुर ही शिव है, सुर ही सत्य है, और सुर ही सुंदर है। और सुरों की इसी साधना सोनू की गायकी को औरों से जुदा करता है।
अपनी रुहानी आवाज़ से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले सोनू निगम आज शोहरत की उस बुलंदी पर खड़े हैं जहां पहुंचना हर किसी का ख्वाब होता है। उनके फिल्मी गाने तो हिट हैं ही उनके ग़ैर फिल्मी गीतों को भी सराहा जाता है और स्टेज पर तो सोनू अपने सुरों से समां बांध देते हैं।
सोनू निगम जब भी गाते थे, वो सुनने वालों के हो जाते थे। यूं तो उनके गाया हुआ कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसे कम पसंद किया गया हो, लेकिन उनके हरफनमौला अंदाज की पूरी दुनिया दीवानी है। स्टेज पर तो सोनू अक्सर एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। मिसाल के तौर पर अवॉर्ड फंग्शन में सोनू के इस प्रयोग ने देखने वाले को अपना मुरीद मना लिया। क्योंकि महज चार मिनट के परफॉर्मेंस में सोनू ने 27 गानों के मुखड़ों को नॉन स्टॉप गाते चले गए।
सिर्फ गायकी में ही नहीं अपनी निजी जिंदगी में भी सोनू निगम अकसर कुछ अलग करते रहते हैं। जैसे मैले कुचले कपड़ों को पहन कर सोनू एक बार मुंबई के फुटपाथ पर सरगम करने लगे। सोनू के सुर तो सुनने वालों को जरूर उनकी तरफ खीचालेकिन बदले हुए हुलिया के चलते कोई भी सोनू को पहचान नहीं पाया। लेकिन वो वाकया सोनू को यादों का ऐसा सौगात दे गाया जो कभी नहीं भूलने वाला।
बॉलीवुड को सैकड़ों दिलकश नग़मों की सौगात देने वाले सोनू निगम को बचपन से ही गीत-संगीत से गहरा लगाव था। 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद शहर में जन्मे सोनू निगम के पिता अगम कुमार निगम दिल्ली के मशहूर स्टेज गायक रहे हैंपिता के साथ सोनू निगम चार साल की उम्र से स्टेज पर गाना शुरु कर दिया था।
अपने एक इंटरव्यू में सोनू निगम ने ये बात बताई थी किउन्होने सबसे पहले अपने पापा के साथ मंच पर मोहम्मद रफ़ी के इसी लोकप्रिय गीत को गाया था। दरअसल स्टेज पर पहले सोनू के पिता इस गीत को गा रहे थे लेकिन उसी दौरान सोनू भी गाने की जिद कर बैठे। हालांकि सोनू के पिता नहीं चाहते थे कि सोनू शादी के उस स्टेज पर गीत गाएं लेकिन लोगों के काफी कहने पर सोनू को स्टेज पर बुलाया और सोनू के सुरों को सुन कर लोगों को मोहम्मद रफी याद आ गए। क्योंकि इस गीत तो मोहम्मद रफी ने साल 1977 में फिल्म हम किसी से कम नहीं फिल्म के लिए गाया था।
सोनू के सुरों को सुन कर उनके पिता अपने साथ स्टेज शोज में ले जाने लगे साथ ही वे अपने पिता के साथ शादियों और पार्टियों में गाने लगे। ऐसे ही एक शो में मंच पर सोनू मोहम्मद रफी के गीत गा रहे थे और ऑडिएशन के बीच बैठे थे गुजरे जमाने में मशहूर संगीतकार अनिल विश्वास गायिका मीना कपूर के साथ बैठे थे। उस शो में भी सोनू रफी का ही गाया इस गीत को गा रहे थे। सोनू की गायकी पर अनिल विश्वास ने भी जम कर दाद दी और उन्हें फिल्मों में ट्राय करने की सलाह दी।
19 साल की उम्र में सोनू निगम गायकी को अपना करियर बनाने के लिए पिता के साथ मुंबई आ गए। मुंबई में उन्होंने हिन्दुस्तानी क्लासिकल गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से गायकी सीखी। आगे चल कर उन्हें फिल्मों के चाइल्ड आर्टिस्ट्स के लिए प्लेबैक करने का मौका मिला। साल 1980 से 1983 के बीच बाल कलाकार के रूप में प्यारा दुश्मन, उस्तादी के उस्ताद, कामचोर, हम से है जमाना, तकदीर और बेताब जैसी कई फिल्मो में सोनू ने गाने गाये।
कहते है ना कि कामयाबी का सफ़र संघर्ष की मुश्किल राहों से होकर गुजरता है मायानगरी मुंबई में संघर्ष का वो कठिन रास्ता सोनू निगम का भी इंतजार कर रहा था। पिता के साथ सोनू निगम म्यूजिक कंपनियों के दफ्तरों में हाजिरी लगाते रहेसंगीतकारों के घरों की दहलीज पर दस्तक देते रहे। इस उम्मीद के साथ कि एक ना एक दिन उनके सुरों को समझने वाला जरूर मिलेगा। उस वक्त सोनू निगम की जिंदगी किसी सख़्त इम्तिहान से कम नहीं थी। कोई और होता तो वक्त की बेदर्दी के आगे टूट जाता लेकिन सोनू ने बेरहम वक्त के हाथों हार नही मानी। प्लेबैक सिंगर के तौर पर उनको पहली बार मौका जानम फिल्म में मिला लेकिन वो फिल्म ही रिलीज ना हो सकी
साल 1995 में सोनू को टीवी शो सारेगामा होस्ट करने का मौका मिला इसी बीच उनकी मुलाकात टी सीरीज म्यूजिक कंपनी के मालिक गुलशन कुमार से हुई, गुलशन कुमार ने उन्हें सनम बेवफा में गाने का मौका दिया सोनू निगम के गाए इस गीत ने धूम मचा दी और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सोनू के सुरों का जादू अब चलने लगा था। सोनू को नाम मिला पहचान मिली और अब म्यूजिक डायरेक्टर्स भी सोनू से गीत गवाने लगे। इसी कड़ी में संगीतकार अनु मलिक ने साल 1997 में आई फिल्म बॉर्डर के गीत संदेशे आते हैं…को रिकॉर्ड करने का मौका दिया, उस गीत को सोनू ने बहुत अच्छे से गाया और सोनू के लिए हिंदी सिनेमा का बंद दरवाजा अब खुल चुका था।
बॉलीवुड में सोनू की इमेज प्लेबैक सिंगर की तो जरूर बन गयी थी लेकिन उनकी आवज को मोहम्मद रफी की नकल कही जाने लगी। लेकिन जल्द ही सोनू ने लोगों के उस भ्रम को भी तोड़ दिया। अब सोनू शाहरुख और सलमान जैसे सुपरस्टार्स के लिए प्लेबैक करने लगे थे।
सोनू को अगर शोहरत नसीब हुई तो तमाम कंट्रोवर्सीज भी सोनू के हिस्से आई। सानू निगम के साथ कई विवाद भी जुड़े रहे हैं। उन विवादों पर काफी बवाल भी मचा एक बार तो एक म्यूजिक कंपनी से झगड़ा होने पर सोनू ने सिंगिंग से सन्यास लेने का फैसला कर लिया था। कभी फ्लाइट में सोनू के गाने पर कंट्रोवर्सी हुईतो कभी अजान पर किए सोनू के ट्वीट ने तहलका मचा दिया।
सोनू को सिनेमा की दुनिया में शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाने में संगीतकार अन्नु मलिक ने भी काफी अहम भूमिका निभाई थी। अनु मलिक ने ही सबसे पहले सोनू को अपनी फिल्म परदेश में गाने का मौका दिया। परदेश के गाने से सोनू को नई पहचान मिली और आगे चल कर बॉलीवुड के और संगीतकारों ने भी सोनू से अपने गीत गवाने लगे।
आज सोनू निगम बॉलीवुड के सबसे बड़े गायकों में गिने जाते हैं। पूरी दुनिया में उनकी फैन फॉलोइंग हैलेकिन शोहरत के सांतवे आसमान पर भी सोनू ने अपने अतीत के दामन को नहींछोड़ा है। सोनू की माने तो अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के बूते ही वो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। वो सोनू का खुद पर भरोसा ही था जो संघर्ष के दिनों में उनका सहारा बना तो आगे चल कर इस मुकाम तक भी पहुंचाया जहां सोनू के सुर किसी कुदरती करिश्मे से कम नहीं माने जाते।
अपनी आवाज से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले सोनू निगम ने एक्टिंग की दुनिया में हाथ आजमाया। वैसे तो सोनू की अदाकारी की शुरुआत चाइड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म बेताब से ही शुरू हो गया थालेकिन गायकी में अपना लोहा मनवा लेने के बाद सोनू ने एक बार फिर एक्टिंग की ओर मुड़े। सोनू ने जॉनी दुश्मन, काश आप हमारे होते और लव इन नेपाल जैसी फिल्मों काम किया लेकिन सोनू की एक्टिंग को गायकी जितनी कामयाबी नहीं मिल सकी।
शोहरत के साथ ही सोनू का नाम विवादों से भी जुड़ता रहा है। कभी सोनू का फ्लाइट में गाना गाने पर कंट्रोवर्सी हुई तो कभी उनके अजान वाले वयान पर पूरे देश में हो हल्ला मचा। बवाल बढ़ता देख अजान वाले कंट्रोवर्सी पर सोनू ने सफाई भी दी। इंडिया टीवी के खास शो आप की अदालत में भी सोनू निगम ने इस विवाद पर खुल कर अपनी दलील दी थी।
सोनू के सुरों में रवानगी ही ऐसी है कि सुनने वालों को प्यार हो जाता है। सोनू आज बॉलीवुड के नंबर वन सिंगर हैं। पूरी दुनिया में उनके करोड़ों कद्रदान हैं फिल्मी गीतों के जरिए सोनू का सुरीला सफर गीत दर गीत शोहरत की नई बुलंदियों को छू रहा है। सुरों के साथ नए प्रयोग करना उनकी खासियत है और इसी खासियत के साथ सोनू निगम गायकी की दुनिया में अपना मुकम्मल मुकाम बनाए हुए हैं।