मुंबई: 'शाहिद' और 'अलीगढ़' जैसी फिल्में बनाने की वजह से फिल्मनिर्माता हंसल मेहता को समाज के कुछ निश्चित तबके के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था लेकिन निर्माता का कहना है कि समाज में अशांति फैलाने की कोशिश करने वाले तत्वों की तरफ लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए।
''पद्मावती'' विवाद पर बात करते हुए मेहता ने कहा कि संविधानेतर संगठनों को महत्व देना उन्हें मजबूत करने जैसा होगा। इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उस पर ध्यान ही नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा, '' यह कई वर्षों से हो रहा है और यह होता रहेगा। अंतत: कानून अपना काम करेगा।''
मेहता ने एक इंटरव्यू में बताया, '' ये सभी संविधानेतर संगठन हैं और अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और इससे महत्व लेना चाह रहे हैं। हम उस पर जितना ध्यान देंगे, हम उन्हें और मजबूत करेंगे। इसलिए मैं उन पर कोई ध्यान देना नहीं चाहता हूं और मैं उनसे कभी नहीं डरा हूं।''
निर्देशक अपने अगले प्रोजेक्ट ''बोस: डेड/अलाइव'' पर काम कर रहे हैं। यह सुभाष चंद्र बोस पर आधारित एक ऐतिहासिक वेब सीरिज है। इस शो में राजकुमार राव सुभाष चंद्र बोस की भूमिका में होंगे और इसका पहला प्रसारण एएलटी बालाजी पर 20 नवंबर को होगा।
मेहता मानते हैं कि राजकुमार राव इस पीढ़ी के सबसे बेहतरीन अभिनेता हैं और उनके साथ काम करना हमेशा ही अच्छे अनुभव वाला होता है