कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। देश में कोरोना की तीसरी लहस से बचाव के लिए सरकार और आम लोग पहले से ही सतर्क हो गए हैं। यही वजह है कि सरकार की तरफ से तेजी से वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही लोगों को कोरोना नियमों की पालना को लेकर अपील की जा रही है।
इसी कड़ी में गीतकार और कवि गुलजार साहब ने भी नागरिकों से कोविड नियमों में बढ़ोत्तरी होने से बचने के लिए उचित व्यवहार का पालन करने की काव्यात्मक अपील की है। इसमें बार-बार हाथ धोना, डबल मास्क पहनना और एक दूसरे के बीज 6 फीट की दूरी बनाए रखना शामि है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरका ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महत्तवपूर्ण कोविड संदेशों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चल रहे अभियान के समर्थन में गुलजार के मार्मिक शब्दों को जारी किया। वह नागरितों को उनकी जिम्मेदारियों और वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करने की शक्ति की याद दिलाता है।
कोविड 19 संक्रमण की एक और लहर के तीसरे स्पाइक के मामले में बच्चों और ग्रामीण इलाकों में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव होने की भविष्यावाणी की जाती है। इसलिए, देश में लॉकडाउन में ढील देने के बावजूद कोविड-19 एक महत्तवपूर्ण सर्वाजनिक स्वास्थ्य चिंता बनी हुई है।
महामारी से लड़ने के लिए नागरिकों को उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को समझने और लेने में मदद करने के लिए गुलजार साहब अपने विशिष्ट गहरे लेकिन शांत स्वर में, काव्यात्मक उपमाओं को उजागर करते हैं। गुलजार साहब ने ग्रामीण समुदायों में नागिकों को संबोधित करते हुए एक वीडियों में बारिश के दौरान रेनकोट पहनने की तुलना महामारी के दौरान टीका लगवाने से की। उनका तात्पर्य वायरस के खिलाफ समान आवश्यक सावधानी बरतने में एक व्यक्तिवादी कर्तव्य से है।
अपने उदात्त शैली में वो कहते हैं- 'मैं अपने गांव के भाई बहनों से बात कर रही हूं, जैसे बारिश से बचने के लिए रेनकोट पहन लेते हैं। सुनिए इस वक्त हर तरफ महामारी बरस रही है, कोरोना से बचने के लिए सिर्फ एक टिक्का लगवा लीजिए।