नई दिल्ली: वरिष्ठ अभिनेता गुलशन ग्रोवर अभी उस काम को करने में व्यस्त हैं जिसके लिए उन्हें बॉलीवुड स्क्रीन पर हमेशा से सराहा गया है। 'सूर्यवंशी', 'सड़क 2' और 'मुंबई सागा' जैसी बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों में काम करने के चलते अभी वह काफी व्यस्त हैं। सबसे खास बात यह है कि एक बार फिर से खलनायक की भूमिकाएं निभाने को लेकर वह काफी खुश हैं। ग्रोवर का ऐसा मानना है कि इस तरह की बड़ी फिल्मों का हिस्सा बनने से उन्हें एक अभिनेता के तौर पर प्रासंगिक होने का अहसास होता है और यह उन्हें उनके अभिनय पर भरोसा दिलाता है।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, "फिलहाल मैं तीन मेगा फिल्मों में काम कर रहा हूं। उनमें से एक रोहित शेट्टी की फिल्म 'सूर्यवंशी' है जिसे वह रिलायन्स एंटरटेनमेंट, करण जौहर और अक्षय कुमार के साथ बना रहे हैं। मेरे करियर में अब तक मेरे साथ काम करने वाले सबसे बेहतरीन निर्देशकों में से रोहित एक हैं। मैं फिल्म में एक विलेन का किरदार निभा रहा हूं।"
फिल्मकार महेश भट्ट फिल्म 'सड़क 2' से फिर से निर्देशक की कुर्सी संभालने जा रहे हैं और इस फिल्म का हिस्सा बनकर ग्रोवर काफी उत्साहित हैं। इसमें उनके साथ संजय दत्त, पूजा भट्ट, आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर हैं।
उन्होंने कहा, "मैं 'सड़क 2' में अपने पसंदीदा निर्देशक महेश भट्ट साहब के साथ काम कर रहा हूं। वह कई सालों बाद किसी फिल्म को निर्देशित कर रहे हैं। इसमें भी मैं विलेन का किरदार निभा रहा हूं।"
ग्रोवर के पास संजय गुप्ता की आगामी फिल्म 'मुंबई सागा' भी है।
इसके बारे में उन्होंने कहा, "संजय गुप्ता मेरे अन्य पसंदीदा फिल्मकार हैं। मुझे लगता है कि वह अपनी सारी फिल्मों में किरदारों को खूबसूरती से प्रदर्शित करते हैं। मेरे अलावा, जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी और मेरे प्यारे मित्र जैकी श्रॉफ और सुनील शेट्टी और रोहित रॉय भी कई अन्य कलाकारों के साथ हैं। इस तरह की बड़ी फिल्मों का हिस्सा बनना रोमांचक है।"
इन मेगा प्रोजेक्ट में काम करने से उन्हें अहसास होता है कि फिल्म इंडस्ट्री में वह अभी भी प्रासंगिक हैं।
उनका कहना है, "इस तरह के किरदार मुझे उत्साहित करते हैं क्योंकि लोग धीरे-धीरे फिल्मों में विलेन के किरदारों को भूल रहे थे और ये फिल्में स्क्रीन पर विलेन के गौरव को वापस लाएंगी।"
अभी बन रही फिल्मों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है सिनेमा में बदलाव अच्छाई के लिए आया है। आजकल की फिल्मों में तकनीक का इस्तेमाल भी अधिक होता है। लोग अधिक नियमशील और व्यवस्थित होते जा रहे हैं, इसलिए मैं खुश हूं।"