Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मनोरंजन
  3. बॉलीवुड
  4. सोनू सूद: रील-लाइफ विलेन से रियल लाइफ हीरो तक

सोनू सूद: रील-लाइफ विलेन से रियल लाइफ हीरो तक

तमिल फिल्म दर्शकों के लिए सोनू सूद अब तक फिल्म 'कल्लज्हगर' सहित कुछ और फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले एक अभिनेता रहे हैं। 

Reported by: IANS
Published on: August 05, 2020 20:15 IST
सोनू सूद: रील-लाइफ...- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/SONUSOOD सोनू सूद: रील-लाइफ विलेन से रियल लाइफ हीरो तक

तमिल फिल्म दर्शकों के लिए सोनू सूद अब तक फिल्म 'कल्लज्हगर' सहित कुछ और फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले एक अभिनेता रहे हैं, लेकिन कोविड के समय में सोनू रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे तमिल विद्यार्थियों सहित कई लोगों के लिए नायक बनकर उभरे हैं।

कोविड-19 के परिणामस्वरुप उड़ानों के रद्द होने के चलते ये विद्यार्थी मॉस्को में फंसे थे। इन्हें अपने परिवार के पास वापस चेन्नई पहुंचाने के लिए सोनू (47) ने मॉस्को से एक चॉर्टर फ्लाइट का बंदोबस्त किया।

मुंबई में पहले जन्मदिन पर सोनू सूद की आंखों में थे आंसू, कहा-विश करने वाला कोई नहीं था

पर्दे के विलेन से असल जिंदगी में हीरो बनने के बारे में जब उनसे पूछा गया तो सोनू ने कहा, "यह मेरे अब तक निभाए किरदारों में सबसे उम्दा है। यह मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी स्क्रिप्ट है। विद्यार्थियों और उनके माता-पिता से प्राप्त थैंक्यू नोट मुझे प्रेरित करता है।"

सोनू ने फोन पर आईएएनएस के साथ हुई बातचीत में कहा, "मॉस्को में मेडिकल स्टूडेंट्स ने चेन्नई में वापस अपने घर पहुंचने के लिए मुझसे मदद मांगी। मॉस्को से चार अगस्त को स्पाइस जेट की फ्लाइट को पहले सीधे चेन्नई लाए जाने की बात हुई थी, लेकिन कुछ अनुरोधों के चलते दिल्ली में इसे एक बार रोका गया।"

यहां वापस आईं एक छात्रा टी.आर.शक्तिप्रियदर्शिनी ने आईएएनएस को बताया, "हम तीन जुलाई को मॉस्को से वंदे भारत फ्लाइट में नहीं चढ़ सके क्योंकि हमारा कोर्स छह जुलाई को खत्म हो रहा था। यहां करीब 200 विद्यार्थी फंसे हुए थे। हमें बताया गया कि अब वंदे भारत की कोई भी फ्लाइट नहीं है। इसके बाद हमने सभी अधिकारियों को ईमेल भेजना शुरू कर दिया।"

छात्रा ने कुर्स्क मेडिकल यूनिवर्सिटी  से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है जो मॉस्को से लगभग 500 किमी दूर है।

एक और छात्र पेरियनन सोमसुंदरम ने आईएएनएस को बताया, "स्टूडेंट में से किसी ने देखा कि भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए सोनू सूद फ्लाइट का बंदोबस्त कर रहे हैं, तो हमने सोचा कि अगर वह ऐसा किर्गिस्तान से कर सकते हैं तो वह हमारी भी मदद कर सकते हैं।"

सोमसुंदरम ने कहा कि उन लोगों ने 23 जुलाई को सोनू सूद को एक मैसेज भेजा और अगले दिन जवाब आया और तब से लगातार बातचीत होती रही।

 प्रवासी मजदूरों से लेकर किसान तक, कोरोना काल में लोगों के ऐसे मसीहा बने सोनू सूद

शक्तिप्रियदर्शिनी कहती हैं, "कुछ विद्यार्थी टूर ऑपरेटरों द्वारा संचालित उड़ानों से गए। अंत में कुल 100 विद्यार्थी मॉस्को में चेन्नई के लिए उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट में सवार हुए।"

सोनू सूद ने कहा, "पहले मैंने प्रवासी मजदूरों की मदद करने की शुरुआत की जो बसों और वैन में सवार होकर अपने गांव लौटे।"

उड़ानों का बंदोबस्त उन्होंने तब करना शुरू किया जब किर्गिस्तान में भारतीय विद्यार्थियों ने देश वापसी के लिए उनसे संपर्क किया।

सोनू कहते हैं, "विद्यार्थियों को किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, साइप्रस, फिलीपींस और मॉस्को से वापस लाने के लिए चार्टर उड़ानों की व्यवस्था की गई थी।"

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement