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Flashback 2018: इस साल रहा छोटे बजट की फ़िल्मों का रहा बोलबाला, 'राज़ी', 'स्त्री' और 'हिचकी' जैसे तमाम नाम

साल 2018 छोटे बजट की फिल्मों के नाम रहा, इस साल उन तमाम फिल्मों ने 100 करोड़ के क्लब में एंट्री की है जो लो बजट में बनी थीं।

Written by: India TV Entertainment Desk
Published : December 26, 2018 14:13 IST
Flashback 2018
Flashback 2018

Year Ender 2018: साल 2018 फिल्मों के मामले में एक शानदार साल साबित हुआ है। इस साल छोटे बजट की फ़िल्मो का बोलबाला रहा है जिससे यह साफ़ हो गया है कि देश की जनता के लिए फ़िल्म का बजट नहीं बल्कि कंटेंट मायने रखता है। कम लागत में बनी फ़िल्मो की ज़बरदस्त कहानी और दमदार अभिनय ने भलीभांति दशकों को अपना दीवाना बना लिया है। आलिया भट्ट की राज़ी से ले कर, आयुष्मान खुराना की अंधाधुन, रानी मुखर्जी की हिचकी, श्रद्धा कपूर की स्त्री और सोहम शाह की तुम्बाड तक इन सभी फिल्मों को भले ही एक सीमित बजट में बनाया गया था लेकिन देश की जनता ने दिल खोलकर इन फ़िल्मो पर अपना प्यार बरसाया है।

अंधाधुन - फ़िल्म अंधाधुन में आयुष्मान खुराना एक अंधे पियानो वादक की भूमिका में नज़र आये थे। कम लागत में बनी इस दिलचस्प मर्डर गुथी ने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए थे। 

"बधाई हो"- अभिनेता आयुष्मान खुराना ने इस साल "बधाई हो" जैसी फ़िल्म के साथ एक बार फिर अपने अभिनय का डंका बजा दिया है। दर्शकों से मिले प्यार ने इस फ़िल्म को साल की सफल फ़िल्मो की सूची में शामिल कर दिया है। जंगली पिक्चर्स की 'बधाई हो' दुनिया भर में 200 करोड़ की कमाई करने में सफ़ल रही है।

"स्त्री  - श्रद्धा कपूर ने अपनी डरावनी कॉमेडी फिल्म "स्त्री के साथ दर्शकों को डराने के साथ साथ हँसाने का भी काम किया। अभिनेत्री ने स्त्री के रूप में दर्शकों के जहन में गहरी छाप छोड़ दी है। 

राज़ी -  फ़िल्म "राज़ी" में भारतीय खुफिया क्षेत्र में महिला शक्ति का प्रदर्शन किया गया था। जज़्बे की इस कहानी को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया और यह फ़िल्म दर्शकों का दिल जीतने में सफ़ल रही थी।

तुम्बाड - सोहम शाह ने अपनी फिल्म तुम्बाड के साथ सिनेमा की परिभाषा ही बदल दी है। तुम्बाड ने फैंटेसी और डरावनी कहानी के अविश्वसनीय मिश्रण के साथ, सिनेमा की एक पूरी तरह से अलग शैली दर्शकों के सामने पेश की थी। तुम्बाड ने एक सुखद अनुभव प्रदान करते हुए हमें रोमांच और भय की रोलर कोस्टर सवारी का अनुभव करा दिया था। 

हिचकी - रानी मुखर्जी ने अपनी हालिया रिलीज हिचकी के साथ एक असामान्य कहानी दर्शकों के सामने पेश की जिसे दर्शकों ने बखूबी अपनाया और पसंद किया।

दर्शकों और आलोचकों से मिली प्रशंसा ने इन सभी फ़िल्मो को इस साल की यादगार फ़िल्मो में शामिल कर दिया है। फ़िल्म की अद्वितीय कहानी और अभिनय ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ दी है और दर्शकों के बीच कंटेंट के प्रति बढ़ती जागरूकता की तरफ़ इशारा किया है। दर्शकों के बीच इस तरह की फिल्मों के लिए बढ़ती पसंद को देख कर अब निर्देशकों ने भी अपनी कमर कस ली है और श्रोताओं की पसंद को मद्देनजर रखते हुए दमदार कंटेंट वाली फ़िल्मो पर काम किया जा रहा है।

साल 2018 स्त्री, राज़ी, हिचकी, अंधाधुन और तुम्बाड जैसी कम बजट की फिल्मों के साथ यह एक यादगार साल रहा है जिसके बाद अब सभी की नज़रे आने वाले साल पर टिकी है।

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