‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ (The Accidental Prime Minister) के ट्रेलर पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में शनिवार को याचिका दायर की गई है। याचिका में ट्रेलर पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसमें संवैधानिक पद का अपमान किया गया है।
याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है और फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होगी।
पूजा महाजन की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट के प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा है और फिल्म निर्माता ने ट्रेलर जारी कर दिया है, जो प्रधानमंत्री पद की छवि को नुकसान पहुंचाता है और इससे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है।
वकील ए. मैत्री के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया है कि ट्रेलर जारी होने के कारण ‘‘प्रधानमंत्री पद की सार्वजनिक स्तर पर दिन-ब-दिन बदनामी हो रही है।’’
यह एक पॉलिटिकल ड्रामा है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कहानी दिखाई गई है। यह कहानी मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारु की किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर बेस्ड है। इस फिल्म में अनुपम खेर(Anupam Kher) प्राइम मिनिस्टर की भूमिका निभा रहे हैं। यह किताब साल 2014 में रिलीज हुई थी। किताब के रिलीज होने के बाद से यह किताब खूब बवाल मचा चुकी है। इस किताब में बताया गया है कि डॉक्टर मनमोहन सिंह के कैबिनेट की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के कंट्रोल में है। यह फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होने वाली है। फिल्म को लेकर कई बवाल चल रहे हैं। बिहार में अनुपम खेर और फिल्म से जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज की है।
(भाषा के इनपुट के साथ)
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