10 जनवरी को दीपिका पादुकोण की बेहद संवेदनशील विषय पर बनी फिल्म छपाक रिलीज हो रही है। तेजाब पीड़िता की सामाजिक जंग को दिखाती ये फिल्म बेहद सकारात्मक संदेश देती है और इसी वजह से इस फिल्म के लेकर ऑडिएंस में क्रेज बना हुआ है। फिल्म की स्क्रीनिंग हो चुकी है और फिल्म को क्रिटिक्स की तरफ से शानदार रिव्यू भी मिल रहे हैं। ऐसे में छपाक सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रही है।
हालांकि प्रमोशन के दौरान जेएनयू जाने के कारण सोशल मीडिया पर दीपिका पादुकोण का विरोध और समर्थन दोनों हुए लेकिन राजनीति से इतर देखें तो बेहद शानदार और दिल को छू लेने वाले विषय पर बनी ये फिल्म अपनी और समाज की सोच को बदलने के लिए जरूर देखनी चाहिए।
आइए जानते हैं उन वजहों के बारे में जिनके कारण ये फिल्म हर जेंडर के ऑडिएंस को जरूर देखनी चाहिए।
1.संवेदनशील विषय
बीता दशक कई तरह की फिल्में आईं, एक्शन, सोशल और इमोशनल विषयों ने ऑडिएंस को खासा इंप्रेस किया। लेकिन छपाक का विषय ऐसा है जो बेहद संवेदनशील औऱ दिल को छू लेने वाला है। एक एसिड पीड़िता की जिंदगी कैसे एक नए सिरे से शुरू होती है। उसके सामने क्या चुनौतियां आती हैं, उसका प्रेम, उसकी व्यथा सब कुछ आपको रुला देगा। लेकिन साथ ही हिम्मत भी देगा कि कैसे भी हालात हो जाएं जीना जरूरी है।
2. सामाजिक बुराई के खिलाफ जंग
हालांकि एसिड अटैक के केस अभी यदा कदा सुनने को मिलते हैं लेकिन एक जमाना था जब प्यार में इनकार के चलते हजारों लड़कियों की जिंदगी इस एसिड के चलते बर्बाद हो गई। दिलजले आशिकों ने प्यार में ना सुनने पर तेजाब का खेल खेला और हजारों मासूम लड़कियों की जिंदगी तबाह हो गई। इस सामाजिक बुराई को समझना और इससे बचने के लिए लोगों को प्रेरित करना है तो आपको फिल्म देखनी चाहिए।
3. दीपिका पादुकोण
हालांकि जेएनयून विवाद के चलते दीपिका पादुकोण ट्रोलर के निशाने पर आ गई हैं लेकिन निश्चित तौर पर दीपिका एक बेहतरीन अभिनेत्री है। एक ऐसी अभिनेत्री जिसने करियर के शिखर पर होने के बावजूद एक एसिड अटैक लड़की का किरदार निभाना न केवल मंजूर किया बल्कि उसे शिद्दत से जिया भी। इस फिल्म में दीपिका नॉर्मल फेस में कुछ ही समय के लिए हैं, बाकी उनका मेकअप एसिड पीड़िता की तरह किया गया है कि वो वाकई वही लगती हैं और दर्शकों को कांपने पर मजबूर कर देती हैं।
4. मेघना गुलजार
गुलजार ने बॉलीवुड को एक्शन और कॉमेडी की बजाय खूबसूरती, प्रेम और संवेदनशीलता का तोहफा दिया है। उनकी फिल्में रिश्तों और संबंधों को फिर से जगाती आई हैं। छपाक उनकी बेटी मेघना गुलजार की बेटी ने डायरेक्ट है और मेघना भी अपने पिता की तरह बेहद संवेदनशील विषयों को खूबसूरती से स्क्रीन पर दिखाने में काबिल है। मेघना गुलजार इससे पहले आलिया भट्ट को लेकर बेहद प्यारी फिल्म राजी बनाकर वाहवाही लूट चुकी हैं।
5. लक्ष्मी अग्रवाल के लिए
फिल्म जिस सच्ची घटना पर आधारित है, मेघना ने प्रमोशन के दौरान पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल को खासा मंच दिया। लक्ष्मी अग्रवाल सबूत हैं उस जज्बे का जिसने जिंदगी तबाह होने के बाव फिर से नए सिरे से उड़ान भरी। लक्ष्मी ने बहुत चुनौतियां झेली, समाज में उपेक्षा, पिता की मौत, लोगों की घूरती नजरें, आर्थिक तंगी, मकान-नौकरी की तंगी, बेटी की परवरिश आदि। लेकिन अपनी हिम्मत के बल पर लक्ष्मी ने इन सब चुनौतियों को जीता और दुनिया भर में अपने लिए अलग पहचान बनाई। लक्ष्मी ने उन सभी लड़कियों के लिए एक जंग जीती है जो एसिड अटैक के बाद बेचारगी भरी जिंदगी जीने को मजबूर थी। इसलिए ये फिल्म लक्ष्मी के लिए भी देखी जानी चाहिए।