नई दिल्ली: दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक आदेश जारी किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में 15 अक्टूबर से सिनेमा के प्रदर्शन पर फिलहाल रोक लगी रहेगी। फिलहाल 31 अक्टूबर तक फिल्मों के दिखाए जाने पर प्रतिबंध का ऐलान किया गया है।
फिल्म निर्माण कंपनी एनएच स्टूडियोज में निर्देशक श्रेयांस हीरावत ने आईएएनएस को इस पर बताया, "गुरुग्राम में आयोजित ड्राइव-इन स्क्रीनिंग में फिल्म खाली पीली को शानदार प्रतिक्रिया मिलने के बाद हम सिनेमाघरों में दर्शकों का स्वागत करने के लिए बेहद उत्साहित थे। हालांकि गृह मंत्रालय से अच्छी खबर के बाद डीडीएमए का निर्णय थोड़ा निराशाजनक रहा है।"
15 अक्टूबर से खुलेंगे सिनेमा हॉल, हर किसी को करना होगा इन नियमों का पालन
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि हम इस फैसले का सम्मान करते हैं और सिर्फ प्रार्थना कर सकते हैं या अनुमान ही लगा सकते हैं कि यह यथासंभव जल्द से जल्द शुरू हो। साथ ही हम दर्शकों की सुरक्षा को सर्वाधिक प्राथमिकता देते हैं। इस वक्त अधिकतर फिल्म स्टूडियोज फिल्मों को थिएटर में रिलीज करने की तैयारी में जुटे हुए हैं, दिल्ली और मुंबई बॉक्स ऑफिस की कुल कमाई में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।"
डिलाईट सिनेमा के जनरल मैनेजर राज कुमार मेहरोत्रा ने कहा कि त्यौहारों के मौसम में फिल्में रिलीज न होने के चलते इंडस्ट्री को अब तक करीबन 3000 से 4000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। अब जब सभी सिनेमाघर एक साथ नहीं खुलेंगे, तो इससे बड़ी बजट वाली फिल्मों के निर्माता फिल्मों को सिनेमाघरों में रिलीज करने से कतराएंगे।
मेहरोत्रा ने कहा, "अगर सब्सिडी नहीं, तो सरकार को हमें इस घाटे से उबरने के लिए कर में छूट देनी चाहिए। हमें भी संभलने की जरुरत है।" कार्निवल सिनेमा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संचालन कुणाल साहनी को लगता है कि इससे लंबे समय तक कारोबार के प्रभावित होने की संभावना है।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, "हम राज्य सरकारों को आश्वासन दे रहे हैं कि हम सभी मानदंडों का पालन करेंगे। ऐसे कई देश हैं जहां सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स खुल गए हैं, लेकिन अब तक ऐसी कोई भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है कि सिनेमाघरों से कोविड-19 का प्रसार हुआ है। हम लोगों के टिकट व शरीर के तापमान की जांच करेंगे। मेट्रो, मॉल, बार और रेस्तरां खुल गए हैं। सिनेमाघर इनसे किस मामले में अलग है? बड़े राज्यों में इन्हें नहीं खोला जा रहा है। फिल्में ज्यादातर ओटीटी में रिलीज हो रही हैं, इसका प्रभाव हम पर काफी लंबे समय तक बना रहेगा।"