70 और 80 के दशक में अपनी मौजदूगी से फिल्मों को हिट कराने वाले अभिनेता फारूक शेख का आज जन्मदिन है। फारूक शेख, की प्रतिभा केवल फिल्मों से बंध कर नहीं रही बल्कि उन्होंने अपने करियर में थिएटर्स, टीवी सीरियल के साथ एक्टिंग की हर विधा में अपना हाथ आजमाया और लोगों को अपनी अदायगी से चौंका दिया। सीरियस किरदार हो या कॉमेडी, फारूक शेख अपने किरदारों में खुद को ऐसे पिरो देते थे देखने वाले ये अंतर करना भूल जाते थे कि अभिनेता असल जिंदगी में कौन सा किरदार जी रहे हैं?
साल 1948 में जन्मे, अभिनेता फारूक शेख मुंबई में एक साधारण, मध्यम वर्गीय परिवार में पले-बढ़े। फारुख शेख के पिता मुस्तफा शेख मुंबई में एक प्रतिष्ठित वकील थे और मां फरीदा शेख गृहिणी थीं। फारूक ने अपनी पढ़ाई मुंबई के सेंट मैरी स्कूल से शुरू की। जहां वह पढ़ाई के साथ-साथ कई नाटकों और प्ले जैसी एक्टिविटी में भाग लेते थे। हालांकि, उन्होंने कॉलेज में लॉ की डिग्री हासिल की थी, फिर भी उनका लगाव रंगमंच से रहता था और वह अपनी अलग-अलग भूमिका निभाते रहे और आखिरकार उन्होंने अपनी एक्टिंग को सीरियसली लेने का फैसला किया।
साल 1973 में आई फिल्म 'गरम हवा' के साथ फारूक शेख ने अपनी फिल्मी करियर के तौर पर शुरुआत की। इस सीरियस फिल्म के अलावा उन्होंने 'चश्मे बद्दूर' में अपनी शर्मीली मुस्कान के साथ लोगों को अपना मुरीद बना लिया। 'नूरी', 'साथ साथ', 'माया मेम साहिब', 'किसी से ना कहना', 'कथा', 'बाजार', 'रंग बिरंगी' जैसे कई फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उनके दौर में दीप्ति नवल के साथ उनकी जोड़ी काफी हिट हुआ करती थी।
सिल्वर स्क्रीन से परे, शेख भारतीय रंगमंच के अभिन्न अंग थे, 'तुम्हारी अमृता' में शबाना आज़मी के साथ उनकी ऐतिहासिक भूमिका ने दशकों तक दर्शकों को आनंदित किया। टीवी दर्शकों ने भी उन्हें प्यार किया, फारूक 'जीना इसी का नाम है', 'चमत्कार' और 'श्रीकांत' जैसे जीवंत टीवी सीरीज का हिस्सा रहे, और दर्शकों का मनोरंजन किया।