कोरोनावायरस महामारी के चलते बीते साल लागू लॉकडाउन में सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों की काफी मदद की थी और उन्हें अपने घर तक पहुंचाया था। सोनू सूद लगातार नेक काम करते जा रहे हैं, उनकी इसी नेकी से उन्हें लोग अब मसीहा कहने लगे हैं। हाल के दिनों में ऐसा देखने को मिला है कि सोनू सूद मसीहाई का सबूत देते हुए भी नजर आए, उन्होंने जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में बेड्स और दवाइयां मुहैया कराई।
लोगों की माने तो सोनू सूद जो कर रहे हैं वह थैंकलेस है, यानी उसका कोई मोल नहीं है। मगर लोग अपने अपने तरीके से सोनू सूद का धन्यवाद करते हुए नजर आए। कोई उनका मंदिर बनाता हुआ नजर आया, तो कोई उनकी मूर्ति पर माला चढ़ाता हुआ नजर आया। ऐसी ही एक परिस्थिति तब देखने को मिली जब लोग सोनू सूद के बड़े से पोस्टर पर कुछ लोग दूध से अभिषेक करते हुए नजर आए।
सोनू सूद ने अपने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को शेयर करते हुए लोगों का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही अभिनेता ने लोगों से अपील की है इस दूध को यूं बर्बाद न करें, बल्कि किसी जरूरतमंद के लिए बचाएं।
ऐसा कई बार देखा गया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों को रेमडेसिवीर का इंजेक्शन डॉक्टर लिख रहे हैं। मगर कालाबाजारी और स्टॉक के कम होने के चलते यह इंजेक्शन आसानी से मुनासिब नहीं हो पा रही है। रेमडेसिवीर इंजेक्शन की स्टॉक बाजारों में कम पहुंच रहा है, जिसे लेकर मरीज परेशान हैं उन्हें सही वक्त पर यह इंजेक्शन मुहैया नहीं हो पा रहा है।
दवाइयों की कमी को देखते हुए सोनू सूद ने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि जो दवाइयां बाजार में सही तरीके से उपलब्ध हैं, डॉक्टर, मरीजों को ये दवाइयां क्यों नहीं प्रिस्क्राइब करते?
अपने हालिया ट्वीट में सोनू सूद ने डॉक्टरों को तीन सवाल पूछे। सोनू सूद ने ट्वीट करते हुए कहा, ''जब सब जानते हैं कि बाजार में ये इंजेक्शन मौजूद नहीं है तो केवल उसे ही लोगों को लगाने के लिए कि क्यों सलाह दी जा रही हैं। जब अस्पताल में ही यह दवा नहीं मिल पा रही है तो एक आम इंसान इसे कहां से ढूंढ कर लाएगा?'' सोनू सूद ने कहा कि लोगों को बचाने के लिए हम कोई और दवा का इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं जो आसानी से बाजार में मिल जाए?