नई दिल्ली: अभिनेत्री दिव्या भारती बॉलीवुड का एक ऐसा नाम है, जिसने बेहद कम समय में हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। तेलुगू फिल्मों से अपने करियर की शुरूआत करने वाली दिव्या ने साल 1992 से 1993 के बीच 14 हिंदी फिल्में साइन की थीं। महज एक साल के फिल्मी करियर में दिव्या ने वो मुकाम हासिल कर लिया जो लोगों को लंबे समय के बाद भी नहीं मिलता।
साल 1993 में दिव्या की मौत हो गई थी। उससे एक साल पहले 1992 में दिव्या ने तीन हिट फिल्मों की हैट्रिक लगाई थी। फिल्म 'विश्वात्मा', 'शोला और शबनम' और 'दीवाना' ने दिव्या को बुलंदियों के शिखर पर पहुंचा दिया अगर दिव्या आज जिंदा होती तो बॉलीवुड का एक बड़ा चेहरा बन सकती थीं, लेकिन 19 साल की कम उम्र में ही दिव्या हम सबको छोड़कर हमेशा के लिए चली गईं।
दिव्या की मौत के बाद भी उनकी कई फिल्में रिलीज हुई। 'रंग', 'शतरंज' और 'थोलि मुद्धू' कुछ ऐसी ही फिल्मों के नाम हैं। दिव्या ने जिन फिल्मों की शूटिंग अधूरी छोड़ी थी उसमें या तो उनके जैसी दिखने वाली लड़की का इस्तेमाल हुआ या फिर किसी और अभिनेत्री ने उनकी जगह काम किया।
दिव्या की मौत आज भी एक रहस्य है। कोई नहीं जानता कि उस रात क्या हुआ था ? दिव्या की मौत को कुछ लोग हादसा बताते हैं तो कुछ साजिश। पुलिस की जांच पड़ताल में जो सामने आया है उसके मुताबिक दिव्या की मौत महज हादसा थी। 5 अप्रैल 1993 की ही वो काली रात थी जब दिव्या अपनी बालकनी से गिर गई थीं।
4 अप्रैल को दिव्या एक फिल्म की शूटिंग करके चेन्नई से मुंबई लौटी थीं। अगले दिन फिर से उन्हें शूटिंग के लिए हैदराबाद जाना था। दिव्या एक फ्लैट खरीदना चाहती थीं, जब ब्रोकर ने उन्हें फ्लैट के बारे में बताया तो दिव्या ने अपने फिल्म प्रोड्यूसर को फोन करके बोला कि मैं हैदराबाद 5 नहीं 6 अप्रैल को आऊंगी।
उसी शाम दिव्या अपने भाई कुणाल और ब्रोकर के साथ बांद्रा के नेपच्यून अपार्टमेंट गईं। दिव्या ने 4 बेडरूम का फ्लैट फाइलन किया और कैश देकर घर खरीद लिया। दिव्या के पति और फिल्म निर्माता साजिद नाडियावाला को उनकी फिल्म 'आंदोलन' की शूटिंग के लिए मॉरिशस जाना था। इसलिए तय किया गया कि मॉरिशस से लौटने के बाद दिव्या यहां शिफ्ट होंगी। इसके बाद दिव्या अपने मां के घर पहुंची। वहां उनसे मिलने फैशन डिजाइनर नीता लुल्ला दिव्या की ड्रेस फाइनल करने आने वाली थीं।
रात के लगभग 10 बजे नीता अपने साइकैट्रिस्ट पति डॉ. श्याम के साथ दिव्या के घर पहुंची। घर पर दिव्या के अलावा उनकी मेड अमृता थी। अमृता दिव्या के बचपन से ही उनकी देखभाल करती थीं। दिव्या, श्याम और नीता लिविंग रूम में बैठकर टीवी देख रहे थे। तीनों ने ड्रिंक्स ली, इसके बाद दिव्या लिविंग रूम की खिड़की के पास चली गईं।
यह खिड़की पार्किंग की तरफ खुलती थी। खिड़की में ग्रिल नहीं लगी थी। दिव्या खिड़की पर बाहर की तरफ पैर करके बैठ गईं। दिव्या से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि दिव्या अक्सर ऐसा करती थीं। खिड़की पर बैठकर दिव्या लगातार अपनी मेड से बात कर रही थीं जो किचेन में नाश्ता तैयार कर रही थी। पुलिस को दिये बयान के मुताबिक नीता और श्याम उस वक्त टीवी देखने में मशगूल थें।
खिड़की पर बैठी दिव्या नीता और श्याम को देखने के लिए अपना एक हाथ खिड़की की चौखट को पकड़ने के लिए बढ़ाया, लेकिन उनका हाथ स्लिप हो गया और वह नीचे गिर गईं। ये सब कुछ ही सेकंड्स में हो गया। जब नीता, श्याम और अमृता भागकर नीचे गए, तो देखा पार्किंग में गिरी दिव्या तड़प रही हैं। दिव्या के चारो तरफ खून ही खून था दिव्या उस वक्त जिंदा थीं। उन्हें तुरंत मुंबई के कूपर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के आईसीयू वॉर्ड में दिव्या ने अपनी आखिरी सांस ली। दिव्या की आखिरी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर के मुताबिक दिव्या के पेट में थोड़ा सा एल्कोहॉल था लेकिन उसकी मात्रा इतनी ज्यादा नहीं थी कि कोई अपना होश खो बैठे।
दिव्या की मौत से पूरा देश दुखी हो गया। दिव्या के फैंस, बॉलीवुड जगत के लोग सब सदमे में थे। दो दिन बाद हिंदू रीति रिवाज से दिव्या के पति साजिद ने उनका अंतिम संस्कार किया। दिव्या की मौत के कुछ दिनों बाद ही उनकी मेड अमृता हार्ट अटैक से चल बसी। अपनी मौत के इतने सालों बाद भी दिव्या लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
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