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दिलीप कुमार के पार्थिव शरीर को देख जब सायरा ने कहा: 'धरम, देखो साहब ने पलक झपकाई.. मेरी जान ही निकल गई'

दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने दिलीप कुमार की आखिरी फोटो शेयर की है और बेहद इमोशनल पोस्ट लिखा है।

Written by: India TV Entertainment Desk
Updated on: July 08, 2021 7:39 IST
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Image Source : TWITTER: @AAPKADHARAM दिलीप कुमार के पार्थिव शरीर को देख जब सायरा ने कहा: 'धरम, देखो साहब ने पलक झपकाई.. मेरी जान ही निकल गई'

भारतीय सिनेमा को अपनी बेहतरीन अदाकारी से नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले महान अभिनेता और ‘ट्रैजेडी किंग’ दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद 7 जुलाई की सुबह मुंबई के एक अस्पताल में इंतकाल हो गया। शाम के समय पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई और इस तरह भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन के बाद बॉलीवुड शोक की लहर में डूब गया। दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया पर दिलीप कुमार की आखिरी तस्वीर शेयर की है और लिखा- 'मालिक मेरे प्यारे भाई को जन्नत नसीब करे।'

धर्मेंद्र ने ट्विटर पर दिलीप कुमार संग उनकी आखिरी तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा- 'सायरा ने जब कहा, धरम, देखो साहब ने पलक झपकी है, दोस्तों जान निकल गई मेरी। मालिक मेरे प्यारे भाई को जन्नत नसीब करे।' 85 वर्षीय अभिनेता ने दिलीप कुमार को अंतिम सम्मान देने और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए आवास का दौरा किया। धर्मेंद्र ने दिलीप कुमार के साथ बंगाली फिल्म 'परी' और इसके हिंदी रीमेक 'अनोखा मिलन' में स्क्रीन साझा की थी।

 
धर्मेंद्र ने ये भी लिखा- 'दोस्तों, मुझे दिखावा नहीं आता, लेकिन मैं अपने जज्बात पर काबू भी नहीं पाता.. अपने समझ के कह जाता हूं...'
 
 
दिलीप कुमार 98 वर्ष के थे। वो पिछले मंगलवार से हिंदुजा अस्पताल की गैर-कोविड गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती थे। बीते बुधवार को उनके घर के बाहर बेहद भावुक धर्मेंद्र ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘ मैं आज बहुत दुखी हूं, मैं कुछ नहीं कह सकता। मैंने अपने भाई को खो दिया।’’ 
 

दिलीप कुमार का असली नाम युसूफ खान था। उनका जन्म 11 दिसम्बर 1922 को देश के बंटवारे से पूर्व पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने कई जबानों पर उन्हें कमाल की महारत हासिल थी। वह उर्दू, हिंदी, पंजाबी, अवधी, भोजपुरी, मराठी, बंगाली और अंग्रेजी में धाराप्रवाह बोलते थे।

हिंदी फिल्मों के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में गिने जाने वाले दिलीप कुमार ने 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी और अपने पांच दशक लंबे कॅरियर में ‘मुगल-ए-आजम’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’, ‘राम और श्याम’, ‘क्रांति’ और ‘कर्मा’ जैसी अनेक सुपरहिट फिल्में दीं। वह आखिरी बार 1998 में आई फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे। 

(PTI इनपुट के साथ) 

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