तिरवनंतपुरम: केंद्र सरकार ने दलित शोधार्थी रोहित वेमुला पर बनी 45 मिनट की डॉक्यूमेंट्री समेत तीन लघु फिल्मों को यहां 16 जून से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्र और लघु फिल्म महोत्सव में दिखाए जाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। आयोजकों ने कहा कि कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले दलित शोधार्थी रोहित वेमुला के बारे में डॉक्यूमेंट्री द अनबियरएबल बीइंग ऑफ लाइटनेस, युवा कश्मीरी कलाकारों एवं छात्रों के एक समूह की जिंदगियों के बारे में इन द शेड ऑफ फॉलेन चिनार, जेएनयू विरोध प्रदर्शन पर बनी मार्च मार्च मार्च को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने महोत्सव में दिखाने की अनुमति नहीं दी।
मंजूरी ना दिए जाने पर गुस्सा जताते हुए केरल चलचित्र अकादमी अध्यक्ष और महोत्सव के निदेशक कमल ने कहा कि देश में सांस्कृतिक आपातकाल लगा हुआ हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हम देश में अघोषित आपातकाल से गुजर रहे हैं। हमें क्या खाना चाहिए, क्या पहनना चाहिए, किस बारे में बात करनी चाहिए, यह सब सत्तारूढ़ गठबंधन तय कर रहा है। ('रोहित वेमुला का सुसाइड लेटर पढ़कर मुझे रोना आ गया')
उपाध्यक्ष और कला निदेशक बीना पॉल ने कहा कि पांच दिवसीय इस महोत्सव में कम से कम 262 लघु फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने की संभावना है। केरल प्रदेश चलचित्र अकादमी डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्म आंदोलन को बढ़ावा देने के अपने प्रयास के तौर पर इस महोत्सव का आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन 16 जून को टैगोर थिएटर में इस महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।