जयपुर: फिल्म ’पद्मावत’ की रिलीज से पहले काफी ड्रामे हुए, जो अभी भी चल रहे हैं। सेंसर बोर्ड से भी आसानी से इस फिल्म को हरी झंडी नहीं मिली थी। लेकिन जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को हरी झंडी दी तो राजपूत करणी सेना ने सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी को भी निशाने पर ले लिया। पहले तो सेंसर बोर्ड के ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, और फिर धमकी दी की कभी जयपुर में नजर न आए, वरना उनके लिए अच्छा नहीं होगा। सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी ने इस संगठन से मिली धमकी के मद्देनजर जी जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। श्री राजपूत करणी सेना ने कहा था कि वह जोशी को जयपुर साहित्य महोत्सव में हिस्सा नहीं लेने देगा।
प्रसून को 'मैं और वो : कॉन्वर्सेशन्स विद माईसेल्फ' नाम के एक सत्र में हिस्सा लेना था। प्रसून ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं इस बार जेएलएफ में भाग नहीं ले पा रहा हूं। साहित्य और कविता के प्रेमियों के साथ जेएलएफ में चर्चा और विचार-विमर्श इस वर्ष न कर पाने का दु:ख मुझे रहेगा, पर मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण साहित्य प्रेमियों, आयोजकों और वहां आए अन्य लेखकों को कोई भी असुविधा हो और आयोजन अपनी मूल भावना से भटक जाए।"
उन्होंने कहा, "रही बात फिल्म से जुड़े विवादों की, तो यहां मैं एक बार फिर यह कहना चाहता हूं कि फिल्म 'पद्मावत' को..नियमों के अंतर्गत सुझावों को जहां तक संभव हो सम्मिलित करते हुए, सकारात्मक सोच के साथ, भावनाओं का सम्मान करते हुए ही प्रमाणित किया गया है, ये पूरी निष्ठा से एक संतुलित और संवेदनशील निर्णय का प्रयास है।"
प्रसून ने आगे कहा, "अब थोड़ा विश्वास भी रखना होगा। विश्वास एक-दूसरे पर भी और हमारी स्वयं की बनाई प्रक्रियाओं और संस्थाओं पर भी। विवादों की जगह विचार-विमर्श को लेनी होगी, ताकि भविष्य में हमें इस सीमा तक जाने की आवश्यकता न पड़े।"