नई दिल्ली: फिल्मकार संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म 'पद्मावती' पर चल रहा विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह के अभिनय से सजी यह फिल्म पहले 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। हालांकि फिल्म पर विवाद बढ़ने के कारण इसे रोक दिया गया। लेकिन इसके बीच सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि, इसे अब तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने देश में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र नहीं दिया है। सरकार ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को राज्यसभा को यह सूचना दी।
उन्होंने बताया कि 'पद्मावती' के 3डी संस्करण का प्रमाणन संबंधी आवेदन 28 नवंबर 2017 को सीबीएफसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि यह फिल्म चलचित्र अधिनियम 1952, चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली 1983 और उसके अंतर्गत बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणन की प्रक्रिया से गुजरेगी। चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली, 1983 के नियम 41 के तहत प्रमाणन प्रक्रिया के लिए 68 दिन की समय सीमा तय की गई है।
राठौड़ ने बताया कि यदि फिल्म में दर्शाए गए विषयों पर विशेषज्ञों की राय अपेक्षित होगी तो सीबीएफसी के अध्यक्ष अतिरिक्त समय सीमा के संबंध में निर्णय करेंगे। बता दें कि यह मौका नहीं था जब सेंसर बोर्ड ने 'पद्मावती' को बिना पास किए वापस लौटा दिया, बल्कि इससे पहले भी ऐसा ही हो चुका है। गौरतलब है कि फैंस इस फिल्म की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर फिलहाल इसकी कोई रिलीज डेट फाइनल नहीं हो पाई है।