नई दिल्ली: एक वक्त था जब महिलाएं केवल अपने घर परिवार को संभालने में ही अपना पूरा जीवन निकाल दिया करती थीं। लेकिन आज महिलाओं ने अपनी छवि को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है वह अब सिर्फ घर में बैठ कर चूल्हा-चौका ही नहीं करती हैं बल्कि बाहर निकल कर अपनी एक अलग पहचान भी स्थापित कर रही हैं। महिलाओं ने अब सिसक-सिसक कर रोने की बजाय अपने हक के लिए आवाज उठाना सीख लिया है। आज महिलाएं न केवल अपने घर-परिवार को संभाल रही हैं बल्कि बड़े-बड़े क्षेत्रों में नाम भी कमा रही हैं। महिलाएं आज न केवल समाज को आईना दिखा रही हैं बल्कि सीमा पर खड़ी होकर अपने देश की रक्षा भी कर रही हैं।
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महिला दिवस के खास मौके पर आज हम आपके सामने बॉलीवुड की कुछ ऐसी फिल्मों की बात कर रहें है जिनमें अभिनेत्रियां खुद ही हीरो हैं। इन अभिनेत्रियों को गुंड़ो से लड़ने और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए किसी हीरो की जरूरत नहीं हैं ये अभिनेत्रियां खुद ही अपने और दूसरों के लिए लड़ सकती हैं। इन अदाकाराओं को महिला प्रधान फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी के लिए पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'नीरजा' इसका एक शानदार उदाहरण है।
1. नीरजा: राम माधवानी के निर्देशन में बनी सोनम कपूर के अभिनय से सजी फिल्म 'नीरजा' एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। वर्ष 1986 में कुछ आतंकवादियो ने पैन-एम 73 यात्री विमान को हाइजैक कर लिया था। इसी दौरान फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट ने अपनी जान गंवाकर फ्लाइट में मौजूद 360 लोगों की जान बचाई थी। नीरजा की उम्र तब केवल 23 वर्ष ही थी। सोनम ने नीरजा के किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारा है। दर्शकों ने उनकी बहुत सरहाना भी की।
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