कोरोना वायरस के चलते जहां दुनिया भर में कोहराम मचा है वहीं डॉक्टर कोरोना वॉरियर्स के रूप में जनता को बचा रहे हैं। डॉक्टर और नर्स लगातार विपरीत परिस्थितियो में जिस तरह काम कर रहे हैं, इसी जज्बे के चलते उन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। बॉलीवुड अपनी कई फिल्मों के जरिए डॉक्टरों के इस जज्बे औऱ संघर्ष को स्क्रीन पर दिखा चुका है। आइए जानते हैं उन कुछ खास फिल्मों के बारे में जो डॉक्टरों के संघर्ष, जनसेवा और जज्बे की कहानी को खूबसूरती से परदे पर उकेरती हैं।
एक डॉक्टर की मौत
पंकज कपूर द्वारा अभिनीत फिल्म एक डॉक्टर की मौत कहानी कहती है उस नौजवान डॉक्टर की जिसे अपनी मेहनत का श्रेय नहीं मिलता। वो एक बीमारी की वेक्सीन बना लेता है लेकिन अपने ही देश में उसके साथ भेदभाव किया जाता है, परेशान किया जाता है। यहां तक कि उसकी मेहनत का श्रेय भी कोई औऱ ले लेता है। ऐसी ही दुविधा कई लोगों को तोड़ देती है लेकिन डॉक्टर इनसे परेशान न होकर जनकल्याण के काम में लगा रहता है।
आनन्द
अमिताभ बच्चन इस फिल्म में डॉक्टर बने थे। राजेश खन्ना के अविस्मरणीय अभिनय वाली इस फिल्म में डॉक्टरो की जिजीविषा, मरीजों के प्रति उनकी भावना और जद्दोजहद को दिखाया गया है। फिल्म में अमिताभ डॉक्टरी सीमा से बाहर जाकर आनन्द का इलाज करने, उसे राहत देने की कोशिश करता है। फिल्म दिखाती है कि कैसे इलाज करते करते डॉक्टर और मरीज के बीच आत्मीय संबंध बन जाते हैं।
मुन्ना भाई एमबीबीएस
कहने को तो ये विशुद्ध रूप से कॉमेडी फिल्म थी लेकिन डॉक्टरी पेशे की सच्चाई को दिखाती इस फिल्म में कई कड़वी सच्चाईयां थी। डॉक्टर बनने की रेस कैसे चलती है। डॉक्टर कैसे इलाज के साथ साथ चमत्कार की भी उम्मीद करते हैं। डॉक्टर दवाई के साथ साथ कैसे दूसरों के जीवन में खुशियां बिखेरते हैं, ये फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म में नकली डॉक्टर बने संजय दत्त की जादू की झप्पी वाकई कमाल की थी।
डॉ कोटनीस की अमर कहानी
डॉक्टर कोटनीस की अमर कहानी को देखने पर लगता है कि शायद कोरोना संक्रमण जैसे काल में ही रची बुनी गई हो। एक भारतीय डॉक्टर को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान चीनी सैनिकों के इलाज के लिए भेजा जाता है। डॉ़क्टर का संघर्ष, उसका जज्बा कमाल कर देता है। वहां फैले प्लेग पर डॉक्टर काबू पा लेता है लेकिन यही भगवान अंत में खुद उस बीमारी का शिकार हो जाता है।