नई दिल्ली: जिस दिन कोर्ट ने सलमान खान को सजा सुनाई उसी दिन से उनके वकील सवाल कर रहे हैं कि बाकी आरोपी बरी हो गए तो फिर सलमान खान दोषी कैसे हो सकते हैं। जोधपुर सेशन्स कोर्ट के फैसले से नाखुश उनके वकील जांच के तरीके से लेकर चश्मदीद के बयानों तक...ऐसे कई प्वाइंट्स और लूप होल्स गिना रहे हैं जिसकी बिनह पर वो ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सलमान खान को सुपरस्टार होने की सजा मिली है।
प्लांटेड सबूतों ने सलमान को फंसाया?
सलमान खान को वाइल्ड लाइफ एक्ट का दोषी बताकर कोर्ट ने जेल तो भेज दिया लेकिन सलमान के वकीलों के पास ऐसी कई दलीलें जिसके दम पर वो लोअर कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में ना सिर्फ चैलेंज करने वाले हैं बल्कि दावा ये भी है कि लोअर कोर्ट का फैसला ऊपरी अदालत में टिकना मुश्किल है।
सलमान के खिलाफ फैसले में कई खामियां-
लोअर कोर्ट का फैसला टिकने लायक नहींसलमान खान पर दो केस ऐसे ही थे
दोनों केस में यही जिप्सी यही हथियार थे
दोनों केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया
हाईकोर्ट ने सबूतों को भरोसेमंद नहीं माना
हथियार के सबूत को भी नकार दिया
हाईकोर्ट ने बरी किया फिर सजा क्यों ?
सलमान खान के वकील हाईकोर्ट में गए दो केस का जिक्र क्यों कर रहे हैं इसे समझना जरुरी है। सलमान पर काले हिरणों और चिंकारा के शिकार के साथ-साथ उस दौरान कुल 4 केस दर्ज हुए थे जिसमें से 2 केस में हाईकोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था। सेशन्स कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले सलमान खान के वकीलों ने काला हिरण केस में पेश किए गवाहों पर भी सवाल उठाए हैं। दरअसल इस मामले में दो गवाहों को अहम बताया गया था। पहला गवाह है पूनमचंद बिश्नोई जबकि दूसरा है चोगाराम बिश्नोई। सलमान के वकीलों ने सवाल उठाया है कि कोर्ट में चोगाराम विश्नोई को क्यों नहीं पेश किया गया?
चश्मदीद पूनमचंद की गवाही?
सलमान खान के खिलाफ फैसला सुनाने की सबसे बड़ी वजह चश्मदीद गवाह पूनमचंद बिश्नोई है। पूनमचंद ने कोर्ट में गवाही दी थी कि उसने सलमान खान को जिप्सी में सवार होकर बंदूक से फायर करते हुए देखा था। जिप्सी में मॉडर्न कपड़ों में कुछ लड़कियां थीं। पूनमचंद ने सैफ अली खान को भी पहचाना था। चश्मदीद पूनमचंद की गवाही पर ही कोर्ट ने सलमान को सजा सुनाई है लेकिन सलमान के वकील सवाल उठा रहे है कि जिस पूनमचंद की गवाही के आधार पर कोर्ट ने सलमान को सजा दी उसी गवाही पर जिप्सी में सवार बाकी आरोपियों को क्यों बरी कर दिया।
बाकी बरी तो..सलमान खान दोषी कैसे?
सलमान खान के वकीलों को हैरानी इस बात पर है कि जब गोली चलाने के लिए उकसाने वालों में शामिल सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली और बाकियों को कोर्ट ने बरी कर दिया तो फिर सलमान खान को गोली चलाने का दोषी करार कैसे दे दिया। दूसरे आरोपियों की रिहाई से जाहिर होता है कि न तो गोली चली न ही उकसाने जैसा कोई अपराध हुआ।
जांच पर वकीलों के सवाल
अदालत में जिरह के दौरान सलमान के वकीलों ने केस में मौजूद हर सबूत और गवाह पर सवाल उठाया है। सलमान के वकीलों ने पूरे मामले की जांच पर ही सवालिया निशान लगाया है।
शिकार के घटना की रिपोर्ट 2 अक्टूबर 1998 को दर्ज हुई
आईओ ने 6 अक्टूबर को पत्रकार से जानकारी क्यों मांगी ?
2 तारीख को नामजद रिपोर्ट दर्ज होना साबित नहीं होता
आरटीओ में जिप्सी की डिटेल मांगने का रिकॉर्ड नहीं है
आईओ ने 3 तारीख को मिले जिप्सी की डिटेल दिखाई है
पोस्टमार्टम के लिए भी FIR नंबर का इस्तेमाल नहीं हुआ
2 तारीख को FIR हुई तो कोर्ट में मामला 8 को क्यों पहुंचा था?
इस मामले में सलमान खान के वकीलों ने गवाहों और FIR में हुए गड़बड़झाले पर भी कोर्ट का ध्यान खींचने की कोशिश की थी। फिलहाल सलमान खान को जमानत दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़े रहे उनके वकील ऐसी और भी कई दलीलें दे रहे हैं जिससे ऊपर अदालत में केस का टिकना मुश्किल लगता है लेकिन आखिरी फैसला अदालत को करना है।