अपनी फिल्मों के जरिए न सिर्फ मनोरंजन बल्की एक संदेश देने वाले विधु विनोद चोपड़ा आज अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। श्रीनगर में जन्में विधु विनोद चोपड़ा ने बॉलीवुड को 'मुन्ना भाई', 'पीके', '3 इडियट्स' और 'संजू' जैसी शानदार फिल्में दीं जो न सिर्फ कमर्शियल फिल्में रहीं, बल्कि 'मुन्ना भाई', 'पीके', '3 इडियट्स' जैसी फिल्मों ने समाज को एक मैसेज भी दिया।
करियर में उन्होंने फिल्मों का निर्देशन, स्क्रिप्ट लिखने से लेकर उन्हें प्रोड्यूस भी किया है और यह सिलसिला अभी भी जारी है। अपनी फिल्मों में कलाकारों को चुनने को लेकर चोपड़ा काफी सजग रहते थे उन्हें किसी कलाकार की एक्टिंग पसंद नहीं आती थी तो, बजाए संजीदगी से बाते करने की... वह उन्हें सिरे से खारिज कर दिया करते थे। एर वाकया था जब फिल्म '1942: ए लव स्टोरी' के लिए मनीषा कोइराला को कास्ट किया जाना था। इस फिल्म के दौरान कई स्क्रीन टेस्ट लिए गए। ऐसा मनीषा कोइराला ने अपनी किताब में लिखा कि स्क्रीन टेस्ट के दौरान उन्हें कई स्तर से गुजरना पड़ा। अभिनेत्री जो भी टेस्ट देती थीं, वह चोपड़ा को पसंद नहीं आता था।
फिल्म 'परिणीता' के दौरान भी अभिनेत्री विद्या बालन के लुक को विधु विनोद चोपड़ा 65 बार टेस्ट कर चुके थे। यह बात एक बार विद्या बालन ने खुद एक इंटरव्यू में बताई थी। अपनी फिल्मों विधु विनोद चोपड़ा कास्टिंग को लेकर काफी ध्यान दिया करते थे। उन्हें किसी सीन में परफेक्शन की जरूरत होती तो हर संभव वह अपने प्रयासों में उसे बेहतर बनाने की कोशिश किया करते।
उनके डेब्यू फिल्म की बात करें तो उनकी पहली फीचर फिल्म थी 'सजाए मौत'। यह फिल्म एक थ्रिलर फिल्म थी और इसमें नसीरुद्दीन शाह और संपादक रेणु सलूजा ने अभिनय किया था। विधु की '3 इडियट्स' बेहतरीन फिल्मों में से एक थी और फिल्म ने कमाई के सारे रिकॉर्ड भी तोड़ दिए थे। इतना ही नहीं इस फिल्म को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी खूब पसंद किया गया था।