बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार 31 अगस्त को अपना जन्मदिन मनाते हैं। उन्होंने अपने करियर में ज्यादातर रियलिस्टिक कैरेक्टर को निभाने की कोशिश की है। फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में साइड एक्टर का किरदार 'शमशाद आलम' से लेकर 'न्यूटन' के लीड रोल तक, राजकुमार राव की एक्टिंग की खासियत है कि वह हर रोल को बतौर लीड रोल समझ कर ही एक्टिंग करने उतरते हैं। उनके काम को लेकर राजकुमार राव के बारे में किस्सा यहां तक मशहूर हैं वह अपने डायलॉग्स तो याद करते ही हैं, साथ में अपने साथी कलाकारों के भी डायलॉग्स याद कर लेते हैं, ताकि शूटिंग के वक्त सामने वाले को किसी तरह कही कठिनाई हो तो ऐसे मौके पर उनकी मदद की जा सके।
कॉमिक किरदार हों या सीरियस... उन्होंने एक्टिंग की हर उन पहलुओं को छूने की कोशिश की है, जिसकी फिल्म की कहानी को जरूरत है। फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में राजकुमार राव के किरदार में बहुत हद तक देसीपना था, क्योंकि इस फिल्म की कहानी में डिमांड थी कि वह धनबाद के लोकल बॉय का किरदार निभाएं।
राजकुमार राव की जर्नी न सिर्फ गैंग्स ऑफ वासेपुर तक रही बल्कि उन्होंने न्यूटन जैसे किरदार में भी नजर आए, जिसमें उन्होंने एक ऐसे ईमानदार सरकारी कर्मचारी का करिदार निभाया, जो भ्रष्टाचार को न सहता है और न अपने साथियों को इसमें लिप्त होने देता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में राजकुमार राव के लिए फिल्म के सीन्स पहले ही लिखे, तब इस फिल्म की पूरी स्क्रिप्टिंग भी नहीं हो पाई थी। लीड रोल न होने के बावजूद नवाजुद्दीन सिद्दीकी के बाद राजकुमार राव को इस फिल्म के लिए साइन किया गया था। फिल्म के लिए साइन किए जाने यह दूसरे कलाकार थे।
आपको यह जान कर हैरानी होगी कि फिल्म स्त्री के लिए राजकुमार फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद नहीं थे। राजकुमार राव से पहले इस फिल्म को आयुष्मान खुराना को ऑफर किया गया था। स्त्री के रिलीज के बाद जब आयुष्मान ने ये फिल्म देखी तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि स्त्री एक कॉमेडी फिल्म होने के साथ-साथ सामाजिक तौर पर बहुत जरूरी फिल्म थी और उनका इस फिल्म को मना करना एक गलत निर्णय था।
अपने करियर ऑप्शन के बारे में राजकुमार राव ने इंटरव्यू में बताया था वह अपनी फैमिली को बता चुके थे कि वह कोई इंजीनियर या डॉक्टर नहीं बनाना चाहते, बल्कि अपनी इंटरेस्ट के लिहाज से अपना करियर चुनना चाहते हैं, उनके इस निर्णय में उनके घरवालों से साथ दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय से अपन पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार राव ने FTII से एक्टिंग की तालीम ली। इस संस्थान में वह सिनेमा के अगले स्तर से रू-ब-रू हुए।
राजकुमार राव आज अपने करियर के जिस पड़ाव पर हैं। यह राह उनके लिए आसान नहीं थी। उनकी अपीरियंस की बदौलत कई निर्माता उन्हें बतौर अपनी फिल्म में लीड रोल कास्ट करने से कतराते थे। मगर राजकुमार राव ने अपनी फिल्मों में इस बात को साबित कर दिया, वह अपनी एक्टिंग से लोगों से कनेक्ट भी होते हैं और लीड एक्टर के लिए एक बेहतर स्टार मटीरियल भी हैं।