शायर, लेखक, गीतकार, निर्माता के रुप में पहचान वाले गुलजार आज अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं। गुलजार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। उनके इस नाम के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होगा। गुलजार का जन्म 18 अगस्त 1934 को पंजाब के झेलम में हुआ था। जो अब पाकिस्तान में है। बंटवारे के बाद गुलजार का परिलार अमृतसर आ गया था। अमृतसर में गुलजार का मन नहीं लगा और वह मुंबई आ गए। उन्हें शुरू से शायरी, कविताओं का शौक था। उन्हें जब समय मिलता था वह अपनी कविताओं को कागज पर उतार देते थे।
मुंबई आने के बाद गुजारा करने के लिए गुलजार ने गैराज में काम करना शुरू कर दिया था। गैराज में जब उन्हें समय मिलता था तो वह कविताएं लिखते थे। गुलजार के करियर की शुरूआत 1961 में विमल राय के सहायक के रुप में हुई थी। उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी और हेमंत कुमार के साथ भी काम किया। इसी दौरान उन्हें फिल्म बंदिनी में लिरिक्स लिखने का मौका मिला। उन्होंने फिल्म बंदिनी में 'मोरा गोरा अंग लेई ले' लिखा। इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया था। गुलजार का पहला गाना ही सुपरहिट रहा। गाना सभी को बहुत पसंद आया। बस यहीं से गुलजार ने जो लिखा वह सबके मन में बस गया।
गुलजार ने तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं में, आपकी आंखों में कुछ महके हुए से राज से लेकर पहचान तक कई गानों के बोल लिखे हैं। गुलजार ने कोशिश, परिचय, आंधी, मौसम, मीरा, किताब, माचिस जैसी कई बेहतरीन फिल्मों का डायरेक्शन भी किया है।
गुलजार ने अपने नाम कई अवार्ड किए हैं। पद्म भूषण, दादासाहेब फाल्के, नेशनल अवार्ड सहित 21 फिल्मफेयर अवार्ड्स गुलजार ने अपने नाम किए हैं।